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नैना देवी कंजर्वेशन रिजर्व के लिए मैनेजमेंट प्लान

उत्‍तराखंड के कंजर्वेशन रिजर्व नैना देवी और झिलमिल झील को वन्यजीव संरक्षण के मद्देनजर जल्द ही मैनेजमेंट प्लान मिल जाएगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 20 Oct 2017 04:57 PM (IST)Updated: Fri, 20 Oct 2017 08:53 PM (IST)
नैना देवी कंजर्वेशन रिजर्व के लिए मैनेजमेंट प्लान

देहरादून, [केदार दत्त]: प्रदेश के दो कंजर्वेशन रिजर्व नैना देवी और झिलमिल झील को वन्यजीव संरक्षण के मद्देनजर जल्द ही मैनेजमेंट प्लान मिल जाएगा। नैना देवी हिमालयी बर्ड कंजर्वेशन रिजर्व का यह पहला प्लान है, जबकि झिलमिल का 10 वर्षीय प्लान गुजरे वर्ष पूरा हो चुका है। वन्यजीव महकमे की ओर से इन दोनों कंजर्वेशन रिजर्व के साथ ही सभी संरक्षित क्षेत्रों को अपनी-अपनी प्रबंध योजनाएं जल्द से जल्द अनुमोदित कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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हिमालयी परिंदों के लिए प्रसिद्ध नैनीताल वन प्रभाग में स्थित नैना देवी क्षेत्र को वर्ष 1988 में बायोस्फीयर क्षेत्र और 2015 में इसे नैना देवी हिमालयी बर्ड कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया गया। अब यहां परिंदों के साथ ही दूसरे वन्यजीवों के संरक्षण के लिए 10 साल के लिए मैनेजमेंट प्लान (प्रबंध योजना) तैयार की जा रही है। वहीं, राज्य में बारहसिंघों के एकमात्र घर हरिद्वार वन प्रभाग में स्थित झिलमिल झील कंजर्वेशन रिजर्व का मैनेजमेंट प्लान भी खत्म हो चुका है। यहां भी अब नया प्लान तैयार किया जा रहा है और फिर इसी के हिसाब से वहां योजनाएं संचालित की जाएंगी।

इस बीच अपर प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव डॉ. धनंजय मोहन की ओर से सभी संरक्षित वन्यजीव क्षेत्रों के मैनेजमेंट प्लान को लेकर परिपत्र जारी किया गया है। इसमें नैना देवी और झिलमिल कंजर्वेशन रिजर्व के प्लान अविलंब तैयार कर इनका अनुमोदन कराने के निर्देश दिए गए हैं। बताया गया कि अस्कोट वन्यजीव विहार (पिथौरागढ़) का प्लान भी खत्म हो चुका है। अन्य संरक्षित क्षेत्रों में कुछ के आगामी प्लान तैयार हो चुके हैं। इनमें से छह अनुमोदित हो चुके हैं। सभी संरक्षित क्षेत्रों के प्रशासन से कहा गया है कि वे अपने-अपने प्लान जल्द से जल्द अनुमोदित करा लें।

कार्बेट व राजाजी में नया प्लान

देश का नया नेशनल वाइल्डलाइफ एक्शन प्लान जारी होने के बाद अब उत्तराखंड के दो टाइगर रिजर्व कार्बेट और राजाजी में नया टाइगर कंजर्वेशन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तैयार होने के बाद इसी के अनुरूप दोनों टाइगर रिजर्व में बाघ संरक्षण की योजनाएं संचालित की जाएंगी।

प्रदेश में संरक्षित क्षेत्र

क्षेत्र-----------------------------क्षेत्रफल (हे.में)

राजाजी नेशनल पार्क---------82042

कार्बेट नेशनल पार्क-----------52082

सोनानदी वन्यजीव विहार----30118

नंधौर वन्यजीव विहार--------26995

बिनसर वन्यजीव विहार-------4707

गोविंद राष्ट्रीय पार्क-----------47208

गोविंद पशु विहार---------------4589

मसूरी वन्यजीव विहार----------1082

केदारनाथ वन्यजीव विहार----97518

नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क-----------62460

फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क-----8250

गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क-----------239002

अस्कोट वन्यजीव विहार--------59993

पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व---------5824.76

आसन कंजर्वेशन रिजर्व------------444.40

झिलमिल झील कंजर्वेशन रिजर्व---3783.50

नैना देवी हिमालयी बर्ड कंजर्वेशन रिजर्व----11191.90

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