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जुकरबर्ग की फेसबुक में कुमाऊं का कैंचीधाम

प्रसिद्ध बाबा नीम करौली और उनके द्वारा स्थापित कैंचीधाम वर्षो से आध्यात्मिक केंद्र के रूप में देश ही नहीं विदेशों में भी विख्यात है। विदेशों में भी बाबा के असंख्य अनुयायी हैं। ऐसे अनुसाइयों में फेसबुक के संस्थापक मॉर्क जुकरबर्ग भी हैं।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2015 01:16 PM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2015 09:12 PM (IST)

संजय वर्मा, भवाली (नैनीताल)। प्रसिद्ध बाबा नीम करौली और उनके द्वारा स्थापित कैंचीधाम वर्षो से आध्यात्मिक केंद्र के रूप में देश ही नहीं विदेशों में भी विख्यात है। विदेशों में भी बाबा के असंख्य अनुयायी हैं। ऐसे अनुसाइयों में फेसबुक के संस्थापक मॉर्क जुकरबर्ग भी हैं।
नैनीताल जिला मुख्यालय के करीब 13 किलोमीटर दूर भवाली स्थित कैंचीधाम में मार्ग जुकरबर्ग को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त हुई और उन्होंने लोगों को जोड़ने के लिए फेसबुक की स्थापना की। जुकरबर्ग ने कैंचीधाम को लेकर पिछले दिनों अमेरिका यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी जिक्र किया है।
पूर्व में अमेरिका में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सबसे बड़ा नाम स्टीव जॉब्स ने भी माना था कि सन 1970 के करीब भवाली के समीप उन्हें उत्तर वाहिनी के तट पर बाबा नीम करौली द्वारा स्थापित कैंचीधाम में आध्यात्म से जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ।
इसके बाद उन्हें एप्पल कंपनी बनाने का रास्ता दिखाई दिया। इधर, एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टाऊनहाल अमेरिका में मिलकर फेसबुक के संस्थापक माइक जुकरबर्ग ने भी इस बात को सिद्ध कर दिया कि भारत को यूं ही विश्व गुरु और आध्यात्म की पाठशाला नहीं कहा जाता है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि जब उनकी कंपनी बुरे दौर से गुजर रही थी तब उन्होंने एप्पल के मालिक स्टीव जॉब्स से इसकी चर्चा की थी। तब स्टीव ने उन्हे बताया था कि भारत में एक ऐसा स्थान है, जहां से उन्हें जीवन बदलने का आध्यात्मिक प्रतिबिंब का एहसास हुआ था।
स्टीव से उन्हें बाबा नीम करौली आश्रम कैंचीधाम आने की प्रेरणा मिली। जुकरबर्ग ने प्रधानमंत्री से बताया कि वह बाबा नीम करौली के आश्रम आए थे।
इसके बाद वह भारत में एक वर्ष घूमे और देखा कि लोग किस प्रकार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। तब उन्हें महसूस हुआ कि यदि सबके पास जुड़ने की क्षमता हो तो दुनिया बेहतर हो सकती है। बाबा नीम करौली व उनके द्वारा स्थापित कैंचीधाम से आध्यात्मिक खिंचाव सिर्फ अमेरिका के सूचना प्रोद्योगिकी जगत के महारथियों को ही नहीं रहा, बल्कि हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट को भी है। वह भी यहां आईं थीं और बाबा नीम करौली व कैंचीधाम से बेहद प्रभावित रहीं।
पढ़ें-पीएम मोदी ने कैमरे के सामने से जुकरबर्ग को हटाया

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