Almora festival अल्मोड़ा महोत्सव में सतरंगी मंच पर हुआ भारतीय शास्त्रीय राग और पश्चिमी रैप का संगम
सांस्कृतिक नगरी में अल्मोड़ा महोत्सव की दूसरी शाम ऐतिहासिक जीआइसी मैदान में शास्त्रीय संगीत व रैप की जुगलबंदी देखने को मिली।
अल्मोड़ा, जेएनएन : सांस्कृतिक नगरी में अल्मोड़ा महोत्सव की दूसरी शाम 'ससुराल गेंदा फूल... गीत को अपनी सुरीली आवाज देने वाली गायिका श्रद्धा पंडित व एमटीवी के हसल शो मंच पर 'सीधे पहाड़ से... गीत से सुर्खियों में आए नगर के उभरते रैप गायक गौरव पांडे के नाम रही। नई उम्र के बच्चे रैप पर खूब थिरके तो मशहूर गायिका श्रद्धा की गायिका का हर कोई दीवाना हो गया। खासतौर पर महिलाएं उनके सुरों की महफिल में देर रात तक झूमी। ऐतिहासिक जीआइसी मैदान में एमटीवी के हसल शो में टॉप-15 तक पहुंचे नगर के गौरव मनकोटी व उनके साथी किंग ने पश्चिमी सभ्यता से लबरेज रैप गीतों की धमाकेदार प्रस्तुति दी। नई उम्र के बच्चों में रैप का जादू सिर चढ़कर बोला। माहौल में रंगत बिखेरी गायिका श्रद्धा पंडित ने। 'ससुराल गेंदा फूल..., 'तेरी गलियां तेरी गलियां मुझको भावे... गीत पर दर्शक विशेषतौर पर महिलाएं व युवतियां खूब थिरकीं। इसी कड़ी में 'बरेली वाले झुमके पर जिया ललचाए... व 'हम्मा हम्मा तेरे बिना अब न लेंगे एक दम तुझे चाहने लगे हम... गीत पर तो पूरा पांडाल झूम उठा। श्रद्धा ने कई युवतियों को स्टेज पर बुलाया और ठुमके लगाए।
पं. सलिल के वीणा वादन ने किया मुग्ध
उमंग व उल्लास भरे मंच को शास्त्रीय संगीत से लबरेज बनाने को सात्विक वीणा की सौगात देने वाले मशहूर वीणा वादक पं. सलित मोहन भट्ट ने कार्यक्रम में चार चांद लगाए। उन्होंने किरवानी, भोपाली, देशराज आदि रागों में वादन कर वाहवाही बटोरी। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित और भी कई प्रस्तुतियों से संगीत के पिपासुओं को कायल किया। उनके साथ तबले पर प्रसिद्व तबला वादक अभिषेक मिश्रा ने यंगत देकर मंत्रमुग्ध किया। सलिल मोहन भट्ट ने कहा कि वह भारतीय शास्त्रीय संगीत को 45 से भी अधिक देशों में प्रचारित व प्रसारित कर रहे हैं। महोत्सव समिति की ओर से सभी कलाकारों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।
कप्तान की फोटोग्राफी में प्रकृति के रंग
उदयशंकर फोटोग्राफी अकादमी की ओर से जीआइसी में लगी छायाचित्र प्रदर्शनी में एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने भी हिस्सा लिया। कैलास मानसरोवर यात्रा के दौरान कैमरे में कैद प्राकृतिक रंगों व हिमालयी श्रंखला के अद्भुत नजारे खूब सराहे गए। प्रदर्शनी में 25 फोटोग्राफर हिस्सा ले रहे। डीएम व एसएसपी ने संयुक्त रूप शुभारंभ किया। फोटोग्राफरों की प्रतिभा का उत्साहवद्र्धन करते हुए कहा, कलाकार ही क्षेत्र विशेष की पहचान बनाते हैं। एसएसपी प्रह्लाद नारायण ने कहा, कैलाश मानसरोवर यात्रा का अनुभव अद्वितीय रहा। यह व्यक्तित्व परिवर्तन का बड़ा माध्यम है। प्रकृति व मानव के रिश्ते को इस यात्रा से बखूबी समझ सकते हैं। वरिष्ठ छायाकार थ्रीश कूपर, जयमित्र बिष्ट, मनमोहन चौधरी, राजेश साह, युसुफ तिवारी, देवेश बिष्ट, नीरज पांगती, रोहित भट्ट, पूनम बिष्टï, सुरेश पाठक, हरीशचंद्र पंत आदि मौजूद रहे।
अव्यवस्था से बिगड़ा माहौल, पुलिस बुलाई
महोत्सव की रंगत में अव्यवस्था का खलल खूब दिखा। बैठने की व्यवस्था न होने से मीडिया कर्मियों को फजीहत झेलनी पड़ी। महोत्सव समिति की ओर से लगाई गई कुर्सियां पहले ही कब्जा ली गईं। इससे खूब अव्यवस्था रही। माहौल गरमाने पर पुलिस पहुंची, मगर अव्यवस्था दूर न हो सकी।