Move to Jagran APP

गुरुत्वीय तरंग प्रेक्षण में एरीज के वैज्ञानिकों की अहम भूमिका

भौतिकी में गुरुत्वीय तरंगों की खोज में साल का नोबेल पुरस्कार मिलना व इस खोज के स्रोतों की दिशा में एरीज के वैज्ञानिक ने अहम भूमिका निभाई है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 17 Oct 2017 08:16 PM (IST)Updated: Wed, 18 Oct 2017 04:15 AM (IST)
गुरुत्वीय तरंग प्रेक्षण में एरीज के वैज्ञानिकों की अहम भूमिका
गुरुत्वीय तरंग प्रेक्षण में एरीज के वैज्ञानिकों की अहम भूमिका

नैनीताल, [जेएनएन]: आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के निदेशक डॉ. अनिल कुमार पांडे ने कहा कि भौतिकी में गुरुत्वीय तरंगों की खोज में साल का नोबेल पुरस्कार मिलना व इस खोज के स्रोतों की दिशा में एरीज के वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे व डॉ. कुंतल मिश्रा ने गामा रे किरण विस्फोटों समेत अन्य माध्यम से निरंतर अध्ययन कर अहम भूमिका निभाई है। यह ऐसी खोज है जिसने प्रेक्षण की दिशा में नए द्वार खोल दिए हैं। इस खोज से एरीज देवस्थल स्थित 3.6 मीटर की टेलीस्कोप भविष्य में अहम भूमिका निभा सकती है।

loksabha election banner

डॉ. पांडे मंगलवार को एरीज में पत्रकार वार्ता में बताया कि महान वैज्ञानिक आइंस्टीन ने सौ साल पहले गुरुत्वीय तरंगों के होने का पूर्वानुमान लगाया था। जिसकी खोज पिछले पांच दशकों से चल रही थी। दुनिया के सैकड़ों वैज्ञानिक इस दिशा में निरंतर अध्ययनरत थे। जिसमें भारतीय वैज्ञानिकों के साथ एरीज के वैज्ञानिक भी शामिल रहे। 

इस खोज में मिली सफलता ने तीन अमेरिकी वैज्ञानिकों को भौतिकी में वर्ष 2017 के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया। खोज की इस दिशा में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन कर चुके एरीज के वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे वर्ष 1999 से गामा रे किरण विस्फोटों का अध्ययन कर रहे हैं। 

इसके साथ ही डॉ. कुंतल मिश्रा गुरुत्वीय तरंगों के विभिन्न स्रोतों के जरिये अध्ययन कर रही हैं। एरीज की सौ सेमी की डॉ. संपूर्णानंद टेलीस्कोप से आप्टिकल आव्जर्वेशन दर्जनों बार किए। साथ ही अन्य समूहों व वेदशालाओं के अध्ययन में शामिल रहे। 

निदेशक ने कहा कि एरीज समेत देश के वैज्ञानिकों के लिए यह अच्छी बात है कि  आगे के अध्ययन के लिए उनके पास 3.6 मीटर की टेलीस्कोप की बेहतर सुविधा उपलब्ध है। जिससे भविष्य में खगोल विज्ञान की दुनिया में नई खोजें संभव हो सकेंगी।

यह भी पढ़ें: सूरज से निकली ज्वालाओं ने धरती में दिखाना शुरू किया रंग

यह भी पढ़ें: लंबे अर्से बाद सूरज ने फिर से दहकना कर दिया शुरू

यह भी पढ़ें: स्याह गगन में दिखा आतिशी उल्का पिंडों का नजारा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.