काठगोदाम तक ट्रेन की कमी रह गई
लालकुआं: लालकुआं-बरेली के बीच ब्राडगेज पर ट्रेन संचालन नगरवासियों के लिए 2013 तोहफा रहा। हालांकि लोगों को उम्मीद थी कि पैसेंजर ट्रेन हल्द्वानी व काठगोदाम तक दौड़ेगी। इससे वे थोड़ी मायूसी महसूस कर रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि दोनों रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को खड़ा करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है।
सात जनवरी से पूर्वोत्तर रेलवे ने नवनिर्मित ब्राडगेज पर लालकुआं से बरेली के लिए पैसेंजर ट्रेनें चलाकर मुसाफिरों को नववर्ष का तोहफा दिया। इसके बावजूद हल्द्वानी व काठगोदाम जैसे बड़ी आबादी वाले क्षेत्रों के लिए कोई ट्रेन संचालित नहीं की। इससे दोनों क्षेत्रों के लोग थोड़ा मायूस हैं। वैसे भी कुमाऊं के अधिकतर यात्रियों का अंतिम पड़ाव हल्द्वानी ही रहता है। इस बाबत रेल अधिकारी दोनों रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों के खड़े होने के लिए पर्याप्त जगह न होने का तर्क दे रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों की पैरवी पर टिका ट्रेन का भविष्य
लालकुआं: रेल विभाग देहरादून एक्सप्रेस को काठगोदाम से बरेली व रामनगर-हरिद्वार एक्सप्रेस को रामनगर से बरेली चला सकता है। हालांकि इस बाबत कोई भी अधिकारी हामी नहीं भर रहा, मगर वे इन दोनों ट्रेनों को चलाने की संभावनाएं तलाश रहे हैं।
देहरादून एक्सप्रेस प्रतिदिन सुबह 7.10 बजे काठगोदाम पहुंचती है। उसके बाद सायं 7.40 बजे दून रवाना होती है। लगभग 12.30 घंटे ट्रेन रेलवे स्टेशन पर खड़ी रहती है। यह रेलसेवा उत्तर रेलवे की है। इसलिए पूर्वोत्तर रेलवे को चलाने में तकनीकी दिक्कत आ रही है। अगर जनप्रतिनिधि रेल मंत्रालय में ठोस पैरवी करें तो उसको बरेली-काठगोदाम के बीच चलाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो रेल विभाग भी इस ट्रेन को काठगोदाम से बरेली चलाने की संभावनाएं तलाश रहा है। रामनगर-हरिद्वार एक्सप्रेस चार दिन रामनगर में खड़ी रहती है। पहले रेल विभाग ने उसे रामनगर से चंडीगढ़ चलाया, मगर यात्रियों का रिस्पांस न मिलने से वह तीन दिन रामनगर-हरिद्वार चलाई जा रही है। रेलवे इस ट्रेन को शेष चार दिन रामनगर से बरेली चलाने की संभावनाएं तलाश रहा है।
टेंपो चालकों व दुकानदारों के चेहरे खिले
लालकुआं: लालकुआं-बरेली ट्रेन चलने से नगर की रौनक बढ़ गई है। यात्रियों का टोटा झेल रहे टेंपो आदि वाहन चालकों के चेहरे खिल उठे हैं। रेलवे स्टेशन के अंदर व आसपास के दुकानदारों का धंधा भी चल निकला है।
टेंपो चालक इमरान खान ने बताया कि एक साल से हल्द्वानी व रुद्रपुर के यात्रियों का टोटा पड़ा था। ट्रेन शुरू होने से काफी राहत मिली है। पहले दिन में एक चक्कर लगता था, अब चार से पांच चक्कर लगा रहे हैं। टबेरा स्वामी अनिल शर्मा बताते हैं कि अगर कुछ और दिन ट्रेन नहीं चलती तो उन्हें धंधा बदलना पड़ता। अब पहाड़ व लंबी दूरी के यात्री भी आ रहे हैं। रेलवे स्टेशन गेट पर स्थित पांडे स्वीट हाउस के स्वामी धारी पांडे बोले कि ट्रेन चलाने से ग्राहकों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। उनकी आमदनी बढ़ गई है। स्टेशन कैंटीन संचालक सर्वेश गुप्ता ने कहा कि एक वर्ष से धंधा चौपट था, अब पटरी पर आने लगा है।
रोडवेज बसों व डग्गामार वाहनों पर असर
लालकुआं: बरेली-लालकुआं के बीच ट्रेन चलने से बसों व डग्गामार वाहनों पर काफी प्रभाव पड़ा है। ट्रेन चलने से पहले ठसाठस भर कर जाने वाले वाहनों में यात्रियों का टोटा साफ दिखाई दे रहा है।
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