Move to Jagran APP

हरिद्वार में संत तिरुवल्लुवर की प्रतिमा को नहीं मिली जगह

दक्षिण भारत के कवि संत तिरुवल्लुवर की प्रतिमा के लिए फिलहाल धर्मनगरी में स्थान नहीं मिल पाया। अलबत्ता, डामकोठी परिसर में बगैर स्थापना के ही प्रतिमा का अनावरण कर दिया गया।

By sunil negiEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 10:15 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2016 10:18 AM (IST)
हरिद्वार में संत तिरुवल्लुवर की प्रतिमा को नहीं मिली जगह

हरिद्वार, [जेएनएन]: दक्षिण भारत के कवि संत तिरुवल्लुवर की प्रतिमा के लिए फिलहाल धर्मनगरी में स्थान नहीं मिल पाया। अलबत्ता, बीते रोज राज्य अतिथि गृह डामकोठी परिसर में बगैर स्थापना के ही प्रतिमा का अनावरण कर दिया गया। कार्यक्रम में उत्तराखंड के राज्यपाल डा. केके पाल और मुख्यमंत्री हरीश रावत का भी कार्यक्रम था, लेकिन ऐन वक्त पर दोनों ने इसे टाल दिया। उत्तर प्रदेश और मेघालय के राज्यपाल के साथ ही राज्यसभा सदस्य तरुण विजय की मौजूदगी जरूर रही। हरिद्वार के जिलाधिकारी हरबंस सिंह चुघ का कहना है कि संत समाज और गणमान्य लोगों की सहमति से जल्द ही संत तिरुवल्लुवर की प्रतिमा को किसी सार्वजनिक स्थल पर स्थापित कर दिया जाएगा।

सांसद तरुण विजय की अगुआई में 18 जून को कन्याकुमारी से चली 'तिरुवल्लुवर गंगा पयनम यात्रा' के हरिद्वार पहुंचने पर यहां कवि तिरुवल्लुवर की आदमकद प्रतिमा स्थापित की जानी थी। सांसद ने अपनी निधि से प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की थी। हालांकि यात्रा बीते रोज हरिद्वार पहुंची, लेकिन प्रतिमा लगाने को लेकर यहां विरोध शुरू हो गया। यात्रा के शुभारंभ वाले दिन प्रतिमा हरकी पैड़ी क्षेत्र में लगाने की घोषणा हुई तो तीर्थ पुरोहितों ने विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद प्रशासन ने मंगलवार को शंकराचार्य चौक पर प्रतिमा स्थापित करने का फैसला किया, लेकिन बात यहां भी नहीं बनी। संत समाज विरोध में उतर आया। इस पर बीती रात आदमकद मूर्ति को राज्य अतिथि गृह डामकोठी में रखवा दिया गया।
पढ़ें: चारधाम यात्रा को आर्थिकी के नजरिये से देखना धर्म विरुद्ध
बीती सुबह यात्रा के समापन अवसर पर प्रतिमा अनावरण किया जाना था, लेकिन स्थल को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। आनन-फानन डामकोठी में प्रतिमा का प्रतीकात्मक लोकार्पण कर दिया गया। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक, मेघालय के राज्यपाल वी. षण्मुगनाथन और श्रीलंका में तमिल मामलों के राज्यमंत्री सेंथिल टूडईमान समारोह में शामिल हुए।
इस दौरान उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक और मेघालय के राज्यपाल वी. षण्मुगनाथन ने कहा कि उत्तराखंड में तमिल कवि की मूर्ति स्थापित होने से भारत की एकता और मजबूत होगी। हरिद्वार के लिए सौभाग्य की बात है कि यहां तमिल कवि की मूर्ति स्थापित हो रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद तरुण विजय ने की।
पढ़ें- शंकराचार्य का विवादित बयान बोले- केदारनाथ मंदिर के रावल हिंदू नहीं
घटना से मैं दुखी हूं: तरुण विजय
कवि व संत तिरुवल्लुवर की प्रतिमा को लेकर उपजे विरोध को लेकर सांसद तरुण विजय ने कहा कि घटना को लेकर वह बेहद दुखी हैं। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि तिरुवल्लुवर की प्रतिमा उत्तर एवं दक्षिण भारत के बीच सेतु का काम करेगी। कहा कि प्रतिमा लगाने के स्थान के लिए चयन प्रशासन ने किया था। इस संबंध में मुख्यमंत्री हरीश रावत से फोन में वार्ता हुई थी, जिसमें सीएम ने हरकी पैड़ी क्षेत्र में जगह को लेकर पक्ष जाना था। इसके बाद अचानक विवाद उत्पन्न हो गया।

loksabha election banner

शंकराचार्य ने सुनाई आजादी के आंदोलन की दास्तां


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.