Move to Jagran APP

अब मुस्लिम मुक्त भारत का निर्णय लेना होगाः साध्वी प्राची

विश्‍व हिन्‍दू परिषद की फायर ब्रांड नेत्री साध्‍वी प्राची ने उत्‍तर प्रदेश और उत्‍तराखंड को मुस्लिम मुक्‍त प्रदेश बनाने के लिए अभियान चलाने की बात कही।

By sunil negiEdited By: Published: Tue, 07 Jun 2016 06:55 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jun 2016 12:31 PM (IST)

हरिद्वार (जेएनएन)। अपने विवादित बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाली विश्व हिन्दू परिषद की नेता साध्वी प्राची ने एक बार फिर विवादित बयान देते हुए कहा है कि कांग्रेस मुक्त भारत हम बना चुके है, अब मुसलमान मुक्त भारत बनना चाहिए। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सरकारों पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए साध्वी ने दोनों राज्यों को मुस्लिम मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाने का ऐलान किया। कहा कि, इसके लिए हरिद्वार के संतों के साथ मंत्रणा की जा रही है। जल्द ही इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। अभियान कहां से शुरू होगा, इसकी जानकारी सही समय आने पर दी जायेगी।

पढ़ें- उत्तराखंड से राज्यसभा सीट के लिए तीन लोगों ने कराया नामांकन

एक रोज पहले निरंजनी अखाड़े के कार्यक्रम में शिरकत करने हरिद्वार पहुंचीं विहिप मार्गदर्शक मंडल की सदस्य साध्वी प्राची ने आज साधु-संतों से मुलाकात की। भूपतवाला स्थित एक आश्रम में पत्रकारों के सवालों के जवाब में साध्वी ने कहा कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने हिंदुओं को अल्पसंख्यक बनाकर रख दिया है। उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हिंदू खुद को डरा-सहमा महसूस कर रहा है। ऐसे में संत समाज उनकी रक्षा को आगे आ रहा है और समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में पहल करने जा रहा है। विहिप नेत्री ने कहा कि दोनों राज्यों को मुस्लिम मुक्त बनाना जरूरी हो गया है, ताकि कोई भी सरकार या दल मुस्लिम तुष्टिकरण के एजेंडे के तहत हिंदुओं की उपेक्षा न कर सके।

पढ़ें-कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड बनाएगी भाजपा : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट

साध्वी प्राची ने लंढौरा और मथुरा कांड की सीबीआइ जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि मथुरा में मामला अराजकता का नहीं, बल्कि सरकार में शामिल लोगों के सहयोग से शहर के बीच स्थित कीमती जमीन पर अवैध कब्जे का है। वहां ईमानदार अफसरों को मौत के घाट उतार दिया गया। इसी तरह लंढौरा में सरकार के इशारे पर हिन्दुओं पर हमले की इजाजत दी गई। यह सब सोची-समझी साजिश के तहत किया गया। लिहाजा, दोनों ही मामलों की सीबीआइ जांच होनी चाहिए।

पढ़ें- उत्तराखंडः दस जनपथ ने टाला सरकार का संकट


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.