महाशिवरात्रि पर शिवालयों में जलाभिषेक को उमड़े भोले के भक्त
महाशिवरात्रि को लेकर धर्मनगरी के शिवालय में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी। बम-बम भोले के जयकारों के साथ भक्तों ने जलाभिषेक किया।
By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 24 Feb 2017 08:20 AM (IST)Updated: Sat, 25 Feb 2017 03:00 AM (IST)
हरिद्वार, [जेएनएन]: फाल्गुनी मास की महाशिवरात्रि पर पंचपुरी के शिवालयों में जलाभिषेक को भोले भक्तों का तांता सूर्य की पहली किरण के साथ ही लगना शुरू हो गया है। बम-बम भोले के जयकारे मंदिरों में गुंजयमान होने से वातावरण भी भक्तिमय हो गया है।
अलसुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गई। दक्ष प्रजापति मंदिर, बिल्केश्वर मंदिर और नीलेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक को खासी भीड़ जुटी हुई है। व्यवस्था बनाने में पुलिस कर्मी जुटे हुए हैं।
महाशिवरात्रि को लेकर धर्मनगरी के शिवालय दो दिन पूर्व ही सज गये थे। महाशिवरात्रि पर आशुतोष की ससुराल कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर, तिलभांडेश्वर मंदिर, दरिद्रभंज, दुखभंजन, हरिहर आश्रम स्थित पारे का शिवलिंग, बिल्केश्वर मंदिर, उत्तरी हरिद्वार स्थित अर्द्ध नारीश्वर महादेव मंदिर समेत धर्मनगरी के दर्जनों मठ-मंदिरों में सुबह से ही गंगा जल चढ़ाने का क्रम प्रारंभ हो गया है।
दिन चढ़ने के साथ ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ेगी। श्रद्धालु शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ, शिव नाथ तेरी महिमा जब तीन लोक गए जैसे भगवान शंकर के भजनों को गुनगुनाते हुए ओर बम बम भोले, ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए शिवालयों की ओर डग भर रहे है।
हर ओर बम बम भोले के जयकारें लगने से धर्मनगरी का वातावरण भी भक्तिमय हो गया है। श्रद्धालु भगवान आशुतोष को बेलपत्र, फल-फूल, पंचामृत अर्पित कर घर परिवार में सुख समृद्धि की कामना कर रहे हैं। शिवालयों में जलाभिषेक का क्रम देर शाम तक जारी रहेगा।
अर्द्धरात्रि में हुआ महादेव का अभिषेक
महाशिवरात्रि आज है और द्रोणनगरी के शिवालय सज चुके हैं। तमाम मंदिरों में शिवरात्रि को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। भले ही चतुर्दशी तिथि शुक्रवार रात से शुरू होगी, लेकिन गुरुवार अर्धरात्रि से ही शिवालयों में जलाभिषेक का सिलसिला शुरू हो गया था। दरअसल, इस बार 24 फरवरी को रात साढ़े नौ बजे से चतुर्दशी तिथि शुरू होगी, जो 25 फरवरी को रात सवा नौ बजे तक रहेगी। महाशिवरात्रि का व्रत निशिथ काल में किया जाता है। यह काल 24 फरवरी को रात 12.10 से 1.03 बजे तक करीब एक घंटे ही रहेगा। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि महाशिवरात्रि अर्धरात्रि व्यापिनी होती है और 25 फरवरी को अर्धरात्रि से पहले ही अगली तिथि लग जाएगी। ऐसे में 24 को ही व्रत और पूजन श्रेष्ठ है।
उत्तरकाशी में विश्वनाथ मंदिर में उमड़े श्रद्धालु
उत्तरकाशी में विश्वनाथ नगरी महाशिवरात्रि पर्व पर विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु ब्रह्ममुहूर्त से ही जुटने लगे थे। सुबह तड़के ही मंदिर परिसर, विश्वनाथ चौक, अस्पताल गेट, भैरव चौक व कलक्ट्रेट चौक तक श्रद्धालुओं की लाइन लगी। ठंड में भी श्रद्धालुओं में भक्ति का जोश दिखा। शिव के जयकारे, शिव भक्ति श्लोक और शंखनाद से विश्वनाथ नगरी गूंज उठी है। काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत जयेंद्र पुरी ने बताया कि जलाभिषेक ब्रह्ममुहूर्त से शाम तक चलेगा।
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