मां मंसा देवी के मंदिर में डोरी बांधने से होती हैं मनोकामनाएं पूर्ण
हरिद्वार में शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं के मुख शिखर पर स्थित मंसा देवी मंदिर में स्नोही वृक्ष पर डोरी बांधने की भी परंपरा है। कहते हैं कि इससे मनोकामना पूरी हो जाती है।
हरिद्वार, [जेएनएन]: हरिद्वार में शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं के मुख शिखर पर स्थित मंसा देवी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। मंसा देवी के दर्शन के साथ यहां मौजूद स्नोही वृक्ष पर डोरी बांधने की भी परंपरा भी चली आ रही है। कहते हैं कि इस वृक्ष पर डोरी बांधने से मनोकामना पूरी हो जाती है।
धार्मिक महत्व
मंसा देवी मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण में भी आता है। इसमें मंसा देवी को दसवीं देवी माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि एक बार जब महिसासुर नामक राक्षस ने देवताओं को पराजित कर दिया। इसके बाद देवताओं ने देवी का स्मरण किया और देवी ने प्रकट होकर महिषासुर नामक राक्षस का वध कर दिया।
इस पर देवताओं ने देवी की पूजा अर्चना की और देवी से कहा कि हे देवी जिस प्रकाश आपने हमारी मंसा को पूरा किया इसी प्रकार कलियुग में भी भक्तों की मंसा को पूरा कर उनकी विपत्ति को दूर करें। कहते हैं कि इस पर देवी ने हरिद्वार के शिवालिक मालाओं के मुख्य शिखर के पास ही विश्राम किया गया और इसी कारण से यहां मंसा देवी मंदिर की स्थापना हुई। मान्यता है कि इसी जगह पर मंसा देवी की मूर्ति प्रतिष्ठित हुई। कालांतर में यहां मंदिर बनाया गया और मंदिर में आज भी मां मंसा देवी की मूर्ति विराजमान है।
वास्तुकला
मंदिर की स्थापना के दौरान इसे आम भारतीय मंदिरों की तरह की बनाया गया। पहाड़ की चोटी पर स्थित होने के कारण उस वक्त चलन में जैसी व्यवस्था रही, उसी अनुरूप इसे बनाया गया। इसमें किसी विशेष वास्तुकला का नमूना नहीं है। कहते हैं कि इसे दक्षिण भारत के मंदिरों की नकल के आधार पर बनाया गया। मंदिर परिसर में वर्षों पुराना स्नोही वृक्ष भी है। कहते हैं कि इस वृक्ष पर डोरी बांधने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंसा देवी मंदिर का दर्शन कर इस वृक्ष पर डोरी भी बांधते हैं।
कैसे पहुंचे मंदिर
मां मंसा देवी मंदिर हरिद्वार शहर से तीन किमी दूर शिवालिक पर्वत पर है। यहां आने वाले श्रद्धालु पैदल, बाइक व उड़न खटोले से पहुंच सकते हैं। हरिद्वार पहुंचने के लिए दिल्ली सहित आस-पास के सभी प्रमुख शहरों से बस सेवा भी उपलब्ध है। पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक पहुंचने के लिए रोपवे की व्यवस्था है। मंदिर में पहुंचने के लिए दो पैदल मार्ग भी हैं, एक मार्ग सीढिय़ों वाला और दूसरा बिना सीढ़ी वाला मार्ग है
नवरात्र में होती है विशेष पूजा
चैत्र व शारदीय नवरात्र में मां मंसा देवी मंदिर में मां मंसा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही सुबह-शाम मां की आरती भी होती है। मंदिर में सुबह से शाम तक रोजाना हजारों भक्त मां के दर्शन कर आशीर्वाद लेते हैं।
मंसा देवी मंदिर के मुख्य ट्रस्टी महंत रामानंद पुरी के मुताबिक मंसा देवी सभी प्रकार की मंसा को पूरी करती है। यहां रोजाना दूर-दराज के यात्री व स्थानीय लोग मां के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। मंदिर में स्नोही वृक्ष पर डोरी बांधने से श्रद्धालुओं की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। नवरात्र में मां की विशेष पूजा-अर्चना व आरती की जाती है।
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