हरिद्वार में गंगा प्रदूषित करने वाले होटल और आश्रम सील
हरिद्वार में हाई कोर्ट और एनजीटी के आदेश पर गंगा में प्रदूषण फैला रहे आश्रमों, धर्मशाला के सील करने की कारवाई शुक्रवार से शुरु हो गई।
By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 05:36 PM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 05:04 AM (IST)
हरिद्वार, [जेएनएन]: हाईकोर्ट की सख्ती के बाद हरकत में आए प्रशासन ने गंगा को प्रदूषित करने वाले होटल, धर्मशाला और आश्रमों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। तय समय पर नोटिस का जवाब न देने पर शुक्रवार को प्रशासन ने एक होटल और एक आश्रम को सील कर दिया।
अदालत की सक्रियता पर प्रशासन ने हरिद्वार के ऐसे 125 आश्रम, धर्मशालाओं और होटलों को चिह्नित किया था जो सीधे गंगा में मैला उड़ेल रहे हैं। नोटिस मिलने पर इनमें से 46 प्रतिष्ठानों ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगवा लिये, लेकिन 79 प्रतिष्ठानों ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। प्रशासन पूर्व में भी दो बार इन प्रतिष्ठानों को नोटिस भेज चुका है। बुधवार को एक बार फिर सभी 79 प्रतिष्ठानों को नोटिस भेजा गया। इस 28 प्रतिष्ठानों ने नोटिस के जवाब में जल्द एसटीपी लगवाने का आश्वासन दिया है। शुक्रवार को नोटिस की समयावधि बीतने के बाद नगर आयुक्त अशोक पांडेय और गंगा अनुरक्षण इकाई के अधिकारियों ने संयुक्त कार्रवाई शुरू की।
सिटी मजिस्ट्रेट जय भारत सिंह, अपर एसडीएम दीपेंद्र नेगी, नगर आयुक्त अशोक पांडेय और मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार के नेतृत्व में टीम भारी पुलिस बल के साथ सबसे पहले भूपतवाला के शिवसदन आश्रम पहुंची। आश्रम के मैनेजर मुकेश ने टीम से थोड़ा वक्त देने का आग्रह किया, लेकिन टीम ने इन्कार कर दिया। इसके बाद टीम होटल तारा विन पहुंची। होटल मैनेजर जनक पांडेय ने यात्रियों का हवाला दिया। मैनेजर ने बताया कि एक कमरे में ठहरे यात्री घूमने गए हैं। इस पर टीम ने फोन कर बुलवाने को कहा। इसके बाद यात्रियों को अन्य होटलों में शिफ्ट कराया गया। टीम ने होटल को सील कर दिया।
नगर आयुक्त अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि कार्रवाई शनिवार को भी जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि चिह्नित प्रतिष्ठानों से एसटीपी को लेकर शपथ पत्र लिया जा रहा है। जिन्होंने शपथपत्र दे दिए हैं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और गंगा अनुरक्षण इकाई उनका सत्यापन करेगी।
होटल मालिक ने दिखायी रसीद
प्रशासन की टीम होटल ड्राइव इन पहुंची तो प्रबंधक ने बताया उन्होंने आज ही जवाब दे दिया है। इस पर टीम ने शपथपत्र की फोटो कॉपी मांगी। फोटोकॉपी देखने के बाद टीम लौट गई।
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