हरिद्वार की जिला कारागार में बंद 25 कैदी होंगे रिहा!
जिला कारागार में आयोजित आइजी जेल की पाठशाला में 54 में से 25 कैदी रिहाई के लिए बन रही सूची के लिए चिह्नित हुए हैं।
हरिद्वार, [जेएनएन]: जिला कारागार में आयोजित आइजी जेल की पाठशाला में 54 में से 25 कैदी रिहाई के लिए बन रही सूची के लिए चिह्नित हुए हैं। यह पहली बार हुआ है कि खुद आइजी जेल ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों के साक्षात्कार लेने के बाद यह सूची तैयार की है। यह कैदी छूटेंगे या नहीं, इस पर अंतिम मुहर शासन के अनुमोदन के बाद राज्यपाल व राष्ट्रपति की लगनी है।
उल्लेखनीय है कि जिला कारागार में चौदह साल पूरी करने वाले कैदियों एवं उनके समर्थन में चौदह साल से कम सजा पूरी करने वाले कैदियों ने भूख हड़ताल कर रिहाई का मुद्दा उठाया था।
हरिद्वार जिला कारागार में कैदियों की संख्या एक हजार से अधिक है। चार सितंबर को जिला कारागार में बंद कैदियों व बंदियों ने लिखित पत्र जेल प्रशासन को सौंपकर चौदह साल की सजापूरी करने वाले कैदियों की रिहाई की मांग की थी।
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इसी दिन सायं को बीस बंदियों ने भोजन छोड़ दिया था। जेल प्रशासन के समझाने के बाद कैदियों ने भोजन ग्रहण कर दिया था। पांच सितंबर को 84 एवं छह सितंबर को 127 कैदियों ने भोजन छोड़ा था। सात सितंबर को 89 कैदियों ने सुबह व 70 कैदियों ने दोपहर का भोजन ग्रहण नहीं किया था।
इस दौरान आइजी जेल डॉ. पीवीके प्रसाद के प्रदेश की जेल में चौदह साल की सजा पूरी करने वाले कैदियों का ब्यौरा मांगने के साथ ही सकारात्मक कदम उठाने के आश्वासन पर भूख हड़ताल समाप्त कर दी गई थी। हरिद्वार जिला कारागार प्रशासन ने 55 कैदियों की सूची आइजी जेल को भेजी थी। इसके बाद शासन में कैदियों की मांग को लेकर प्रक्रिया पर गहनता से विचार हुआ था। निर्णय हुआ था कि कैदियों का साक्षात्कार लिया जाएगा। इसके तहत आइजी जेल हरिद्वार जिला कारागार पहुंचे। यहां आइजी जेल ने 55 कैदियों में से 54 कैदियों का साक्षात्कार लिया।
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इस दौरान आइजी जेल ने कैदियों से उनके अपराध, सजा, परिवार के सदस्यों की संख्या, आर्थिक स्थिति, आपराधिक रेकार्ड एवं रिहा होने के बाद कैसे जीवन यापन करने के सवाल पूछे।
इसके बाद आइजी जेल ने 54 में से 25 कैदियों को रिहाई की प्रक्रिया में शामिल करने के लिए चिह्नित किया। इसकी पुष्टि जेल अधीक्षक एसके सुखीजा ने की। जेल अधीक्षक ने बताया कि 25 में से दो कैदी के परिवार उनसे मिलने नहीं आते हैं, जिस कारण उन्हें पेंडिंग में रखा गया है। दोनों कैदियों के परिवारों से संपर्क कर उनकी देखभाल के बाबत एफीडेविट लिया जाएगा। 25 कैदियों की सूची को अब शासन में अनुमोदन के लिए रखा जाएगा, जिसके बाद अंतिम निर्णय होगा।
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