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    कैबिनेट: अब स्कूली बच्चों को मिलेगा अधिक पौष्टिक भोजन

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Thu, 24 Aug 2017 03:00 AM (IST)

    राज्य के चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को अधिक साफ-सुथरा और पौष्टिक भोजन उपलब्ध हो सकेगा।

    कैबिनेट: अब स्कूली बच्चों को मिलेगा अधिक पौष्टिक भोजन

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: राज्य के चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को अधिक साफ-सुथरा और पौष्टिक भोजन उपलब्ध हो सकेगा। साथ में शिक्षक पठन-पाठन पर अधिक ध्यान दे सकेंगे, दोपहर के भोजन को लेकर उन्हें मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। त्रिवेंद्र रावत मंत्रिमंडल ने उक्त जिलों में अक्षय पात्र फाउंडेशन को दोपहर का भोजन बनाने का जिम्मा सौंपने पर सैद्धांतिक सहमति दी है।

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     वहीं सड़कों में सुरक्षा इंतजामात, दुर्घटनाओं की रोकथाम को धन की कमी आड़े नहीं आएगी। इसके लिए सड़क सुरक्षा कोष के गठन और संबंधित नियमावली को हरी झंडी मिल गई है। सरकार और जनता के बीच संवाद को बेहतर और मजबूत बनाने के लिए हफ्ते में दो दिन बुधवार और गुरुवार को मंत्रिमंडल के सभी सदस्य अनिवार्य रूप से विधानसभा में बैठेंगे।

     त्रिवेंद्र रावत मंत्रिमंडल की बुधवार को सचिवालय में हुई बैठक में कई निर्णय लिए गए। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने मंत्रिमंडल के फैसलों को ब्रीफ किया। उन्होंने बताया कि दो मैदानी जिलों हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर के साथ ही अन्य दो जिलों में देहरादून व नैनीताल के मैदानी क्षेत्रों के विद्यालयों में मध्याह्न भोजन के लिए नई व्यवस्था पर सहमति बन गई है। 

    चार जिलों के कक्षा एक से आठवीं तक 3,59,435 छात्र-छात्राओं को दोपहर का भोजन स्वयंसेवी संस्था अक्षय पात्र फाउंडेशन के जरिए मुहैया कराया जाएगा। संस्था वर्तमान में दोपहर का भोजन बनाने पर हो रहे खर्च पर ही अधिक साफ-सुथरा और पौष्टिक भोजन छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराएगी। इससे भोजन बनाने को देखरेख पर जाया हो रहे शिक्षकों के कीमती वक्त को भी बचाया जा सकेगा। उन्हें बच्चों को पढ़ाने के लिए ज्यादा वक्त मिलेगा। 

    इस योजना के तहत केंद्रीयकृत रसोईघरों के लिए संस्था को सरकार की ओर से जमीन मुहैया कराई जाएगी। जिलाधिकारियों को भूमि चिह्नीकरण के निर्देश दिए जा चुके हैं। संस्था रसोईघरों के 30-40 किमी के दायरे में विद्यालयों में भोजन उपलब्ध कराएगी। विद्यालयों में भोजन पहुंचाने के लिए संस्था की ओर से वाहनों का प्रबंध भी किया जाएगा। योजना पर अमल होने से भोजनमाताओं के भविष्य पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। वे भोजन परोसने व बर्तनों को सहेजने का कार्य जारी रख सकेंगी। 

    मंत्रिमंडल ने राज्य में सड़क सुरक्षा सुदृढ़ीकरण को केंद्रीय मोटरयान अधिनियम-1988 की धारा-138के तहत उत्तराखंड सुरक्षा कोष का गठन किया है। सुरक्षा कोष की निधि के प्रशासन उपयोग, वित्त पोषण व रखरखाव के लिए उत्तराखंड सड़क सुरक्षा कोष नियमावली, 2017 में कुछ संशोधन किए गए हैं। इस कोष में परिवहन विभाग और पुलिस की ओर से सड़कों पर जुर्माने के रूप में वसूल की जाने वाली मदों का 25-25 फीसद धन जमा होगा। इससे सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए धन की उपलब्धता बढ़ेगी। 

    इस राशि को एंबुलेंस क्रय, ईंधन व्यय, वेतन आदि मदों पर खर्च नहीं किया जाएगा। 

    सुशासन के अपने एजेंडे के तहत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने अब मंत्रियों के लिए देहरादून में विधानसभा में दो दिन रुकना अनिवार्य किया है। बुधवार और गुरुवार को मंत्रिगण विधानसभा में प्रदेशभर से आने वाले लोगों से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही यह भी तय हुआ कि मंत्रिमंडल की बैठक अब हर माह के दूसरे और चौथे बुधवार को सुबह दस बजे होगी। बैठक के बाद मंत्री विधानसभा में बैठ सकेंगे। इस मौके पर मुख्य सचिव एस रामास्वामी, वित्त सचिव अमित नेगी और परिवहन सचिव डी सेंथिल पांडियन मौजूद थे। 

     

    कैबिनेट फैसले:

    -उत्तराखंड सड़क सुरक्षा कोष का गठन, दुर्घटनाओं पर अंकुश को अब अधिक धन

    -एनजीटी के निर्देशों के मद्देनजर राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर ऋषिकेश से कौडिय़ाला तक गंगा नदी के दोनों ओर एक किमी का क्षेत्र हरिद्वार-रुड़की विकास क्षेत्र में शामिल, टिहरी जिले के नौ गांव दायरे में

    -राज्य खाद्य योजना का सस्ता खाद्यान्न अप्रैल के बजाए मई माह से देने पर मुहर 

    -वाणिज्य कर विभाग का नाम राज्य कर विभाग हुआ, मनोरंजन कर का विलय

    -सराय अधिनियम 1867 को निरसित करने पर मुहर, अब उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद करेगा सार्वजनिक सरायों व पड़ावों का पंजीकरण 

    -टिहरी विशेष क्षेत्र प्राधिकरण के संचालन को 24 पदों को मंजूरी

    -उत्तराखंड उद्योग (ज्येष्ठ समूह-क) सेवा नियमावली, 2017 को स्वीकृति

    -असम रायफल पूर्व सैनिक कल्याण समिति को रायपुर में आवंटित 0.1540 हेक्टेयर भूमि का नजराना माफ

     

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