देश में बदलाव देखा तो साहित्य में भी किया प्रयोग: रस्किन बॉन्ड
रस्किन बॉन्ड ने कहा कि जब देश परिवर्तन के दौर से गुजर रहा हो तो मैनें सोचा कि क्यों न साहित्य में भी नया प्रयोग किया जाए।
देहरादून, [जेएनएन]: ब्रिटिश मूल के प्रसिद्ध भारतीय लेखक रस्किन बॉन्ड ने कहा कि जब देश परिवर्तन के दौर से गुजर रहा हो तो मैनें सोचा कि क्यों न साहित्य में भी नया प्रयोग किया जाए। वैसे भी परिवर्तन समय की मांग है। लेखक रस्किन बॉन्ड ने पुस्तक 'वर्ल्ड ऑफ द हिल' के विमोचन कार्यक्रम में अपने अनुभव साझा किए।
शनिवार को ओल्ड राजपुर स्थित एक डिजाइन स्टूडियो में आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में रस्किन बॉन्ड ने कहा कि अब तक वे प्रेमकथा 'फ्लाइंग ऑफ पीजंस', 'सुजैनाज सेवेन हस्बैंड' जैसी रोमांटिक स्टोरी लिख चुके हैं। इन पर जुनून व सात खून माफ जैसी लोकप्रिय फिल्म भी बनाई जा चुकी हैं। लेकिन 'वर्ल्ड ऑफ द हिल' उनके लिए खास है। रस्किन ने नई पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसमें उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़े आम पलों को साझा किया है।
वो पल जो हर आम आदमी को नसीब होते हैं। अगर आम आदमी का सोचने का नजरिया खास है, तो उसकी जिंदगी आम नहीं रह जाती। वह हर पल का आनंद उठा सकता है। उन्होंने पुस्तक के जरिये यही बताने का प्रयास किया है। कहने का मतलब यह है कि आपकी जिंदगी आपके नजरिए पर निर्भर करती है और आपके पास सोच है तो आप जमीन पर खड़े रहकर भी पहाड़ की ऊंचाई की भांति सोच सकते हैं।
रस्किन बॉन्ड ने कहा कि पुस्तक के जरिये उन्होंने ही मनुष्य, पक्षी व पेड़-पौधों के बीच के अनमोल रिश्ते को भी दर्शाया है। मनुष्य को प्रकृति का महत्व बताने के साथ ही यह भी समझाने का प्रयास किया है कि अगर मनुष्य के विचारों में सुंदरता आ जाए तो प्रकृति स्वयं सुंदर हो जाएगी। रस्किन ने बताया कि उन्होंने यह सब रोचक तरीके से समझाने का प्रयास किया है, जिसमें आमजन भी रुचि लेंगे।