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'चरस' से आगाज कर 'सरगोशियां' तक का सफर

टॉम ऑल्टर ने फिल्म 'चरस' से आगाज कर 'सरगोशियां' तक का सफर तय किया। 2001 के बाद 'भारत भाग्य विधाता' से लेकर 2017 में 'सरगोशियां' तक 42 फिल्में बनाई।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 01 Oct 2017 12:15 PM (IST)Updated: Sun, 01 Oct 2017 08:58 PM (IST)
'चरस' से आगाज कर 'सरगोशियां' तक का सफर
'चरस' से आगाज कर 'सरगोशियां' तक का सफर

देहरादून, [संतोष भट्ट]: सिने अभिनेता के रूप में टॉम ऑल्टर ने फिल्म 'चरस' से आगाज कर 'सरगोशियां' तक का सफर तय किया। शुरुआत में टॉम की एंट्री भले ही कम रही हो, मगर 2001 के बाद महज 16 साल में 42 फिल्म और टेली फिल्म बनाने का रिकार्ड टॉम के नाम दर्ज है। इनमें से अधिकांश फिल्मों में टॉम को एक अंग्रेज अभिनेता और विलेन के रूप में पहचान मिली।

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पुणे स्थित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान से एक्टिंग का कोर्स पूरा करने के बाद टॉम ने 1976 में 'चरस' में चीफ कस्टमर ऑफीसर की भूमिका निभाई। इसके बाद टॉम ने हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और टेली फिल्मों में अलग-अलग भूमिका निभाई। शुरुआत के 16 सालों में टॉम ने 22 फिल्में और टेली फिल्मों में अहम रोल अदा किया। जबकि 2001 के बाद 'भारत भाग्य विधाता' से लेकर 2017 में 'सरगोशियां' तक 42 फिल्में बनाई। इस बीच 150 से ज्यादा फिल्मों में ऑल्टर ने सह कलाकार के रूप में भूमिका निभाई। टॉम की आधा दर्जन फिल्में अधूरी रह गई हैं। 

टॉम ऑल्टर की चर्चित फिल्में

क्रांति, आशिकी, राम तेरी गंगा मैली, चरस, चेमली मेमसाब, देश-परदेश, शतरंज के खिलाड़ी, सल्तनत, दिल-विल प्यार-वार, परिंदा, गुमराह, सोने पे सुहागा, गांधी, देश-प्रदेश, सरदार, जुनून, हम किसी से कम नहीं, राम भरोसे आदि टॉम की चर्चित फिल्में रही हैं। 

दून में बैट और गन खरीदी 

12 साल की उम्र में टॉम दून घूमने आए तो एस्लेहॉल स्थित दीवान ब्रदर्स के यहां क्रिकेट खेलने के लिए बैट खरीदा। इस दौरान टॉम ने शूटिंग के प्रशिक्षण के लिए एयर गन भी खरीदी। जेडी दीवान कहते हैं कि टॉम जब भी दून आते तो उनसे मिलकर जरूर जाते। टॉम के पिता जेम्स उनके अच्छे मित्रों में शामिल थे। टॉम ने उनकी दुकान से कई उपहार भी खरीदे। 

40 रुपये किराये में लिया था पियानो 

वुडस्टॉक स्कूल में 15 साल तक म्यूजिक टीचर रहे अजीत सिंह कहते हैं कि 1963 में टॉम ने पियानो सीखने की जिद की। इस पर उनके पिता ने 40 रुपये महीने पर पियानो किराये पर उठा लिया। 84 साल के अजीत टीम के परिवारिक मित्र थे। पिछले साल वुडस्टॉक में एक रिटायर्ड शिक्षक की पार्टी में वह टॉम से मिले। बीटल्स बंधुओं को भारतीय संगीत और आस्था से रूबरू कराने में टॉम ने अहम भूमिका निभाई थी। 

 मसूरी में विंटर लाइन फेस्टिवल की शुरुआत 

टॉम ने मसूरी में विंटर लाइन फेस्टिवल की शुरुआत की। इसके अलावा अपने पिता की याद में हर साल क्रिकेट टूर्नामेंट और हाफ मैराथन की शुरुआत भी की। इन आयोजनों में टॉम ने मसूरी ही नहीं, बल्कि प्रदेशभर के लोगों का दिल जीता। आज मसूरी का विंटर लाइन कार्निवॉल देशभर में पहचान बना चुका है। 

 क्रिकेट का बेहतर बैट्समैन और फील्डर 

टॉम बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक रखते थे। पढ़ाई के साथ वह भाई स्टीफन ऑल्टर के साथ खेलते थे। क्रिकेट में वह बेहतर बैट्समैन के साथ फीलडिंग में भी भूमिका निभाते। टॉम मसूरी में रॉक ब्लू टीम को लीड करते थे। उनकी टीम देहरादून के अलावा देशभर में कई टूर्नामेंट खेल चुकी हैं। क्रिकेट मैच में भी वह अपने नाम उपलब्धियां दर्ज करा चुके हैं।

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