बिछड़ने के दो साल बाद मां-बाप से मिला नौ साल का रमजान
दो साल पहले परिवार से बिछुड़ा रमजान आखिरकार माता-पिता से मिल गया। अपर सचिव समाज कल्याण मनोज चंद्रन के प्रयासों से ऐसा संभव हो पाया।
देहरादून, [जेएनएन]: दिल्ली से रहस्यमय तरीके से दून पहुंचा रमजान दो साल के लंबे इंतजार के बाद अपने घर पहुंच गया। बीते सप्ताह अपर सचिव समाज कल्याण मनोज चंद्रन ने दिल्ली में कई घंटे तक रमजान के पिता फरीद की तलाश की। तब जाकर मजदूरी कर परिवार का पेट पाल रहे फरीद का पता चला।
इसके बाद सरकारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद नौ वर्षीय रमजान को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। अपर सचिव ने बताया कि रमजान वर्ष 2015 में पुलिस को दून में सड़क पर अकेले घूमता मिला था। पुलिस ने उसे शिशु निकेतन पहुंचा दिया।
इसके बाद अपर सचिव ने रमजान से बात की तो पता चला कि वह दिल्ली का रहने वाला है। रमजान ने बताया उसके पिता फरीद दिव्यांग है और वह दिल्ली में जामा मस्जिद के समीप मजदूरी करते हैं।
पिछले सप्ताह अपर सचिव एक बैठक के सिलसिले में दिल्ली पहुंचे तो वह रमजान के परिजनों को तलाशने के लिए जामा मस्जिद तक पहुंच गए। वहां उन्होंने करीब तीन घंटे तक रजमान के परिजनों की तलाश की और आखिरकार उसके पिता फरीद को ढूंढ लिया।
फरीद ने अपर सचिव को बताया कि रमजान एक दिन अचानक ही घर से गायब हो गया था। इसके बाद उसकी काफी तलाश की गई, लेकिन कुछ पता नहीं चला। बेटे के लिए परिजनों की तलाश अभी भी जारी थी।
रमजान की मां और भाई दून पहुंचे, यहां समाज कल्याण विभाग ने बेटे को उनके हवाले कर दिया। अपर सचिव मनोज चंद्रन ने बताया कि विभाग अन्य बच्चों व संवासिनियों के परिजनों की भी तलाश कर रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही उनके परिजन भी मिल जाएंगे।
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