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ऋषिकेश में गंगा में रिवर राफ्टिंग दो माह के लिए बंद

गंगा के कौड़ियाला-मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन में रिवर राफ्टिंग सत्र आज खट्टे-मीठे अनुभवों के साथ समाप्त हो गया है। अब दो माह तक गंगा में रंग-बिरंगी राफ्टें नजर नहीं आएगी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 30 Jun 2017 08:41 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jun 2017 08:49 PM (IST)
ऋषिकेश में गंगा में रिवर राफ्टिंग दो माह के लिए बंद

ऋषिकेश, [जेएनएन]: गंगा के कौड़ियाला-मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन में रिवर राफ्टिंग सत्र शुक्रवार को खट्टे-मीठे अनुभवों के साथ समाप्त हो गया है। अब दो माह तक गंगा में रंग-बिरंगी राफ्टें नजर नहीं आएगी। व्यवसाय के लिहाज से राफ्टिंग का यह सत्र बेहतरीन साबित हुआ है। हालांकि, कुछ हादसों ने साहस और रोमांच के इस खेल में जान की सुरक्षा पर भी सवाल उठाए। राफ्टिंग व्यवसाय पर नियंत्रण के लिए एक जिम्मेदार संस्था के गठन का ख्वाब भी इस सत्र में पूरा हुआ।

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गंगा नदी में 40 किलोमीटर लंबा कौड़ियाला-मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन राफ्टिंग के लिए पूरे विश्व में पहचान रखता है। एक दर्जन से अधिक श्रेणी तीन व चार के प्रसिद्ध रैपिड वाला यह जोन लहरों पर रोमांच का शौक रखने वाले पर्यटकों को बरबस ही आकर्षित करता है। सत्र में यहां 250 राफ्टिंग कंपनियां 600 से अधिक राफ्टें संचालित होती हैं। सत्र एक सितंबर से 30 जून तक चलता है। 

अस्तित्व में आई प्रबंधन समिति 

गंगा नदी में राफ्टिंग व अन्य साहसिक गतिविधियों पर नियंत्रण रखने के लिए लंबे समय से एक जिम्मेदारी समिति के गठन की मांग की जा रही थी। इस सत्र में यह मांग भी गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन सोसायटी के गठन के साथ पूरी हो गई। जिलाधिकारी टिहरी की अध्यक्षता में इस समिति ने काम करना भी शुरू कर दिया है। 

चार लाख पर्यटकों ने उठाया राफ्टिंगका लुत्फ 

इस सत्र में करीब चार लाख पर्यटकों ने रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठाया। अनुमान के मुताबिक इनसे करीब अस्सी करोड़ रुपये का कारोबार स्थानीयव्यावसायियों को मिला। राफ्टिंग व्यवसायी व सदस्य गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन सोसायटी देवेंद्र रावत के अनुसार यह सत्र व्यवसाय के लिहाज से बेहतरीन रहा है। 

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