Move to Jagran APP

टूर ऑपरेटर्स से बुकिंग पर पर्यटकों पर पड़ेगी जीएसटी की मार

उत्तराखंड के पर्यटन व्यवसाय पर जीएसटी की मार पड़ने वाली है। यहां के टूर ऑपरेटरों के कमीशन बेस्ड कारोबार पर जीएसटी का सीधा असर पड़ रहा है। जिससे पर्यटक भी अछूते नहीं रह पाएंगे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 19 Aug 2017 02:19 PM (IST)Updated: Sat, 19 Aug 2017 10:53 PM (IST)
टूर ऑपरेटर्स से बुकिंग पर पर्यटकों पर पड़ेगी जीएसटी की मार
टूर ऑपरेटर्स से बुकिंग पर पर्यटकों पर पड़ेगी जीएसटी की मार

देहरादून, [संतोष भट्ट]: राज्य के पर्यटन व्यवसाय पर जीएसटी की बड़ी मार पड़ने वाली है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से टूर ऑपरेटरों के कमीशन बेस्ड कारोबार पर जीएसटी का सीधा असर पड़ रहा है। सरकारी एजेंसियों ने फिलहाल जीएसटी के अलावा कमीशन की यह मार पर्यटकों पर डाल दी है। जिसका असर राज्य में आने वाले पर्यटकों की बुकिंग पर पड़ेगा। 

loksabha election banner

पर्यटन व्यवसाय राज्य की रीढ है। इससे छोटे होटल, ढाबे से लेकर बड़े रेस्टोरेंट और आलीशान होटल कारोबारियों को फायदा मिलता है। व्यवसाय बढ़ाने के लिए राज्य के सरकारी और प्राइवेट एजेंसियों ने देश और विदेश के टूर ऑपरेटरों को कमीशन पर बुकिंग की जिम्मेदारी दी है। इसके एवज में हर एजेंसी और प्रतिष्ठान ऑपरेटरों को कमीशन देता है। मगर जीएसटी लागू होने के बाद इस कमीशन को रिकार्ड में लाना कठिन साबित हो रहा है। ऐसे में जीएमवीएन और केएमवीएन ने देशभर में संचालित होने वाले कार्यालयों का जीएसटी में पंजीकरण करा दिया है। मगर इन ऑफिसों से मिलने वाले धंधे के कमीशन का बोझ पर्यटकों पर डालना शुरू कर दिया है।

अब पर्यटकों को ऑपरेटरों और निगम को अलग-अलग टैक्स देना पड़ेगा। यही स्थिति होटल कारोबारियों की भी है। टूर ऑपरेटर से आने वाले पर्यटकों का फायदा तो कारोबार में मिलेगा, मगर ऑपरेटर का कमीशन कहां से देंगे, इसकी समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे में पर्यटकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ने पर इसका सीधा असर पर्यटन व्यवसाय पर पड़ेगा। 

20 करोड़ सालाना कारोबार 

राज्य में अकेले जीएमवीएन के करीब 104 से ज्यादा होटल व गेस्ट हाउस हैं। इनको देश की दस एजेंसियों से 20 करोड़ सालाना कारोबार मिलता है। अभी तक निगम बुकिंग लेने के बाद कमीशन का पांच प्रतिशत कमाई से देता था। 

जीएमवीएन के एमडी अतुल कुमार गुप्ता का कहना है कि जीएसटी को लेकर अभी तकनीकी दिक्कतें जारी है। टूर ऑपरेटर और कमीशन से मिलने वाले धंधे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी है। इस साल पर्यटकों पर इसका असर पड़ेगा। आगे टैरिफ कम-ज्यादा कर हल तलाशा जाएगा।  

वहीं होटल व्यवसायी शैलेंद्र मटूड़ा का कहना है कि जीएसटी को लेकर अभी कई दुविधाएं हैं। इसे लेकर टैक्स के जानकारों की मदद ली जा रही है। इसका असर पर्यटन व्यवसाय के साथ पर्यटकों पर पड़ेगा। ऐसे में केन्द्र सरकार इसमें छूट दें। 

यह भी पढ़ें: मखमली घास में खेली मक्खन की होली, प्रकृति की पूजा की

यह भी पढ़ें: अब केदारनाथ धाम को मोटर मार्ग से जोड़ने की तैयारी शुरू

PICS: धूमधाम से मनाया बटर फेस्टिवल, खेली मक्खन और मट्ठे की होली


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.