महंगाई डायन से रसोई परेशान
‘महंगाई डायन’ के प्रकोप से रसोई संकट में आ गई है। आसमान छूता प्याज तो आम आदमी की कमर तोड़ ही रहा था, अब दाल के भाव में भी ‘महंगाई का तड़का’ लग गया। इतना ही नहीं, सब्जियां भी महंगाई के रेस में आगे निकलने पर आमदा हैं।
देहरादून। ‘महंगाई डायन’ के प्रकोप से रसोई संकट में आ गई है। आसमान छूता प्याज तो आम आदमी की कमर तोड़ ही रहा था, अब दाल के भाव में भी ‘महंगाई का तड़का’ लग गया। इतना ही नहीं, सब्जियां भी महंगाई के रेस में आगे निकलने पर आमदा हैं। नतीजा, रसोई बुरी तरह लड़खड़ाने लगी है। ऐसे में आम आदमी टेंशन में है कि बजट को बिगड़ने से कैसे बचाए। कैसे बच्चों की जरूरतें पूरी करे।
दालों ने बिगाड़ा बजट
दालों के दाम हफ्तेभर के भीतर तेजी से उछले हैं। अरहर की दाल ने तो हद ही कर दी। वह 35 से 40 रुपये तक महंगी हो गई है। कसर अन्य दालों ने भी नहीं छोड़ी। उड़द, मूंग, मसूर, चना सभी दालों में 15 से 20 रुपये प्रति किलो का इजाफा हुआ है। गली-मोहल्लों की छोटी-छोटी दुकानों पर तो और तेज भाव में दालें बेची जा रही हैं। आढ़त बाजार के फुटकर विक्रेता अमित जिंदल के मुताबिक महंगाई का कारण दालों की कमी बताई जा रही है। दुकानदारी पर भी असर पड़ा है। लोग दाम सुनकर चौंक रहे हैं। एक किलो दाल खरीदने वाले आधा किलो लेकर ही जा रहे हैं। हनुमान चौक के व्यापारी सुशील कुमार के अनुसार फसलें कमजोर रहने से दाल के भाव बढ़े हैं। आगे कीमतों में और इजाफा होने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।
दाल के दाम (प्रति किलो में)
अरहर 140 से 150 रुपये, मूंग (साबुत) 96 से 115 रुपये, मूंग (धुली) 100 से 120 रुपये, मूंग (छिलका) 96 से 112 रुपये, उड़द (धुली) 120 से 130 रुपये, उड़द (साबुत) 105 से 115 रुपये, चना 68 से 75 रुपये, मसूर 96 से 100 रुपये, मलका 100 से 112 रुपये
सब्जियों के तेवर तीखे
सब्जियों की तेजी ने लोगों के माथों पर पसीना छलका दिया है। मौसमी हो या बेमौसमी, सभी सब्जियों में ‘आग’ लगी है। सब्जी व्यापारी बारिश के कारण कम आवक होने को दामों में उछाल का कारण बता रहे हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि यह सिर्फ मुनाफाखोरी है। एक साथ सभी चीजों के दाम कैसे बढ़ सकते हैं। आने वाले दिनों में दाम घटने की उम्मीद में लोग एक या दो दिन की जरूरत के हिसाब से ही सब्जी खरीद रहे हैं। निरंजनपुर मंडी के सब्जी विक्रेता धर्मपाल के अनुसार थोक भाव ही चढ़ गया है, लिहाजा दाम बढ़ाना हमारी मजबूरी है। महंगाई बढ़ने से हमें मुनाफा नहीं होता, बल्कि बिक्री प्रभावित होती है।
सब्जियों के दाम (प्रति किलो में)
प्याज 70 से 80 रुपये, आलू 15 से 20 रुपये, भिंडी 20 से 30 रुपये, टमाटर 30 से 40 रुपये, लौकी 25 से 30 रुपये, बैंगन 30 से 40 रुपये, शिमला 40 से 50 रुपये, तोरी 30 से 35 रुपये, मटर 120 रुपये।
एक लाख चूल्हे अब भी डांवाडोल
कांवड़ यात्रा संपन्न होने के 12 दिन बाद भी दून के एक लाख चूल्हे संकट में हैं और तेल कंपनी का दावा है कि पर्याप्त आपूर्ति हो रही है। एजेंसियों पर उमड़ रही भीड़ इस बात का प्रमाण है कि ‘जिम्मेदार’ आम आदमी की रसोई को कोई अहमियत नहीं देते। गत एक अगस्त को कांवड़ यात्रा शुरू होने के बाद रास्ते बंद होने से दून में रसोई गैस का संकट खड़ा हो गया था। जो रास्ता खुलने के बाद भी बरकरार है। हालांकि, जिलाधिकारी के निर्देश पर तेल कंपनी ने आपूर्ति सुचारु बनाने के लिए हरिद्वार के अलावा काशीपुर व लोनी से भी दून के लिए सप्लाई शुरू कराई, लेकिन राहत फिर भी बहुत दूर है। रविवार तक एजेंसियों पर दस-दस दिन का बैकलॉग चल रहा था। कहने का मतलब करीब एक लाख उपभोक्ता ऐसे हैं, जो बुकिंग के बाद गैस लेने के लिए एजेंसियों के चक्कर काट रहे हैं। इस संबंध में आइओसी के एरिया मैनेजर वीके सुंद्रियाल का कहना है कि कंपनी दून में अन्य स्थानों से भी अतिरिक्त आपूर्ति कर रही है। जल्द बैकलॉग खत्म हो जाएगा।
गैस देने के बजाए बुकिंग रद
एजेंसियों ने संकट के इस दौर में उपभोक्ताओं को परेशान करने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। गैस देने के बजाए एजेंसियां अब तीन दिन पूरे होने पर बुकिंग रद करने लगी हैं। धर्मपुर निवासी श्रीकांत सिंह ने बताया कि पिछले 15 दिन में वह पांच बार अपनी गैस बुक चुके हैं। हर तीन दिन बाद एजेंसी उनकी बुकिंग रद कर देती है, जिससे उन्हें दोबारा गैस बुक करनी पड़ती है। बताया कि घर में गैस खत्म है, लेकिन एजेंसी की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही।
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