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देशी-विदेशी मेहमानों से आसन गुलजार

देश का पहला कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड देशी-विदेशी मेहमान परिंदों से गुलजार होने लगा है। अभी तक 14 प्रजातियों के करीब 600 'मेहमान' इस झील में डेरा डाल चुके हैं।

By sunil negiEdited By: Published: Tue, 25 Oct 2016 10:07 AM (IST)Updated: Wed, 26 Oct 2016 03:30 AM (IST)
देशी-विदेशी मेहमानों से आसन गुलजार

देहरादून, [राजेश पंवार]: देश का पहला कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड देशी-विदेशी मेहमान परिंदों से गुलजार होने लगा है। अभी तक 14 प्रजातियों के करीब 600 'मेहमान' 444 हेक्टेयर में फैली 25 हजार क्यूसेक पानी की क्षमता वाली इस झील में डेरा डाल चुके हैं। ठंडक में इजाफा होने के साथ ही इनकी 'फ्लाइट' में भी तेजी आ रही है। नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण इस वेटलैंड में परिंदों का यह मोहक संसार हर किसी को अपने मोहपाश में खींच रहा है। हालांकि, दिल्ली में 'बर्ड फ्लू' की दस्तक ने वन महकमे की पेशानी में बल भी डाले हैं और इसे देखते हुए वहां विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश भी दिए गए हैं।

वैसे तो उत्तराखंड में हरिद्वार के भीमगौड़ा और ऋषिकेश के वीरभद्र बैराज में सर्दी की दस्तक के साथ ही प्रवासी परिंदे काफी संख्या में आते हैं, लेकिन आसन कंजर्वेशन रिजर्व की बात ही कुछ और है। विकासनगर (देहरादून) से छह किमी के फासले पर यमुना नदी के तट से लगे इस नमभूमि क्षेत्र के आसपास खूबसूरत हरे-भरे पहाड़, झरने और झील में बने टापू पर घास व झाड़ियों के झुरमुट व यहां का शांत वातावरण परिंदों की पहली पसंद है। इसे देखते हुए इस क्षेत्र को देश का पहला कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया गया और 14 अगस्त 2005 को तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया।

आसन कंजर्वेशन रिजर्व में अमूमन प्रवासी परिंदों का आगमन अक्टूबर के आखिर से होता है, लेकिन इस मर्तबा मध्य अक्टूबर से ही इनकी आमद को सुखद संकेत माना जा रहा है। अब तक देशी विदेशी पक्षियों की 14 प्रजातियां यहां डेरा डाल चुकी हैं और आसन झील के ऊपर से परवाज भरते रंग-बिरंगे परिंदों और पानी में अठखेलियों के बीच इनका मधुर कलरव हर किसी को आनंदित कर रहा है। इस वेटलैंड में चकराता वन प्रभाग की ओर से रोजाना ही परिंदों की गणना की जा रही है। रेंज अधिकारी जवाहर सिंह तोमर और वन बीट अधिकारी प्रदीप सक्सेना के अनुसार प्रवासी परिंदों की सुरक्षा को गश्त पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

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झील में आज से पैडल बोट
परिंदों के मोहक संसार के बीच आसन कंजर्वेशन रिजर्व एक अहम पर्यटक स्थल के रूप में भी उभरा है। गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) की ओर से आसन झील के लिए नई पैडल बोट मंगाई गई हैं, जिनमें बैठकर लोग करीब से परिंदों का दीदार कर सकेंगे। आसन पर्यटन स्थल के प्रबंधक अजयपाल कंडारी के अनुसार मंगलवार से नई पैडल बोट झील में उतारी जाएंगी। प्रवासी परिंदों को देखते हुए निगम ने झील में सीमांकन कर झंडे भी लगाए दिए हैं।

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'बर्ड फ्लू' का भी खौफ
दिल्ली स्थित चिड़ियाघर में प्रवासी परिंदो की बर्ड फ्लू से मौत और कई पक्षियों के इससे प्रभावित होने से यहां वन अधिकारियों में आसन को लेकर भी चिंता बढ़ गई है। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक आरके महाजन के अनुसार चकराता वन प्रभाग को इस लिहाज से आसन कंजर्वेशन रिजर्व में विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।

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आसन पहुंचे मेहमान

रूडी शेलडक (सुर्खाब), कॉमन पोचार्ड, ब्लैक विंग्ड स्टिल, कॉमनकूट, मेलार्ड, गैडवाल, ग्रे हेरोन, लिटिल ग्रैब, स्पॉटेड बिलडक, पर्पल स्वैप हेन, किंगफिशर, कॉमन मोरहेन, इंडियन कोरमोरेंट, ग्रेट कोरमोरेंट

परिंदों की आमद

  • 48 प्रजातियों के 5796 पङ्क्षरदे 2015 में यहां आए
  • 84 प्रजातियों के 5635 देशी-विदेशी मेहमान पिछले वर्ष पहुंचे
  • 14 प्रजातियां इस बार अक्टूबर में अब तक यहां पहुंच चुकी हैं
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