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डेंगू और चिकनगुनिया पर वार को तैयार उत्तराखंड सरकार

इस बार सरकार ने डेंगू-चिकनगुनिया का कहर शुरू होने से पहले इनसे निपटने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए राज्यव्यापी योजना तैयार की गई है। सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर कर दिया गया है।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 20 May 2017 08:45 AM (IST)Updated: Sun, 21 May 2017 06:00 AM (IST)
डेंगू और चिकनगुनिया पर वार को तैयार उत्तराखंड सरकार
डेंगू और चिकनगुनिया पर वार को तैयार उत्तराखंड सरकार

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: राज्य में खासतौर पर शहरी क्षेत्रों में बीते कई साल से डेंगू कहर बनकर टूटता रहा है। इसके साथ ही चिकनगुनिया भी बरसात के मौसम में आफत बनता है। बीते वर्ष राज्य में डेंगू के करीब दो हजार मामले सामने आए और छह लोगों की मौत हुई। 

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डेंगू से मौत के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार स्वास्थ्य और शहरी विकास विभाग रहे। समय से न तो शहरों में फॉगिंग हो पाई और न ही बीमार होने के बाद अस्पतालों में सुविधाएं मिल पाईं। 

इस बार सरकार ने डेंगू-चिकनगुनिया का कहर शुरू होने से पहले इनसे निपटने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए राज्यव्यापी योजना तैयार की गई है। सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर कर दिया गया है।

सरकार ने शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग और मच्छर विकसित होने से रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करने की कवायद शुरू कर दी है। अभी से स्वास्थ्य महकमे को भी डेंगू से निपटने के लिए अलर्ट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी जिलों को डेंगू समेत तमाम मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए पर्याप्त तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं। 

इसके तहत चिकित्सालय में विशेष वार्ड स्थापित किए जाने, ब्लड बैंकों के साथ सामंजस्य स्थापित कर 24 घंटे प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने, अस्पतालों में रिक्त चल रहे आपातकालीन मेडिकल अधिकारियों के पदों पर समय से तैनाती किए जाने आदि के निर्देश दिए गए हैं। 

वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने नगर निकायों के साथ मिलकर समय से फॉगिंग कराए जाने के लिए टीम गठित करने, लोगों को जागरूक किए जाने के लिए अभियान शुरू करने और तमाम जरूरतों के लिए समय से बजट का प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। 

शहरी विकास मंत्री व राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और शहरी निकायों को इस मामले में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजे गए हैं।

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