मौसम विभाग का मिलेगा साथ, नौ लाख किसानों की बदलेगी चाल
कोशिशें रंग लाई तो उत्तराखंड के नौ लाख से अधिक किसानों को 2020 तक मौसम का साथ मिल जाएगा। इससे किसानों को मौसम का पूर्वानुमान मिलेगा और वह उसके अनुरूप खेती कर सकेंगे।
देहरादून, [केदार दत्त]: कोशिशें रंग लाई तो उत्तराखंड के नौ लाख से अधिक किसानों को 2020 तक मौसम का साथ मिल जाएगा। इस सिलसिले में भारत मौसम विभाग के एग्रोमेट सलाहकार सेवा प्रभाग ने राज्य सरकार से सभी किसानों के मोबाइल नंबर समेत अन्य जानकारी जल्द से जल्द मुहैया कराने का आग्रह किया है। अब राज्य पर निर्भर है कि वह कब तक यह ब्योरा उपलब्ध करा पाता है। हालांकि, कृषि मंत्री का कहना है कि इसके लिए तेजी से पहल की जाएगी।
उत्तराखंड में खेती किसानी की सेहत बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों, में जहां कृषि योग्य बंजर भूमि का रकबा लगातार बढ़ रहा है। अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि राज्य गठन से अब तक 17 सालों में कृषि योग्य खेती का रकबा 7.00 लाख हेक्टेयर पर आ गया है।
इसकी बड़ी वजह मौसम की बेरुखी भी है। राज्य के 95 में से 71 विकासखंडों में खेती पूरी तरह वर्षा पर निर्भर है। यानी वक्त पर बारिश हो गई तो ठीक, अन्यथा सब सून। कई मर्तबा तो पर्वतीय इलाकों में खेतों से अगली फसल के लिए बीज तक उपलब्ध नहीं हो पाता।
सूरतेहाल, यदि वक्त पर मौसम से जुड़ी जानकारी किसानों को उपलब्ध हो जाए तो समस्या का काफी हद तक निदान हो सकता है। इसी के मद्देनजर भारत मौसम विभाग की एग्रोमेट सलाहकार सेवा प्रभाग ने उत्तराखंड समेत हिमाचल व जम्मू-कश्मीर में किसानों के लिए मौसम आधारित पूर्वानुमान प्रणाली को सशक्त बनाने का निर्णय लिया है।
एग्रोमेट सलाहकार सेवा प्रभाग के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ.आनंद शर्मा के मुताबिक 2020 तक तीनों राज्यों में आखिरी किसान तक मौसम की जानकारी मुहैया कराने का लक्ष्य है।
इस क्रम में उत्तराखंड सरकार से भी राज्य के किसानों का ब्योरा, उनका मोबाइल नंबर मुहैया कराने का आग्रह किया गया है। यह ब्योरा मिलते ही उत्तराखंड के किसानों को मौसम आधारित पूर्वानुमान प्रणाली से सीधे जोड़ दिया जाएगा।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक मौसम की सलाह किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित होगी। इसे देखते हुए कृषि एवं उद्यान दोनों महकमों के निदेशकों को राज्य के किसानों का ब्योरा जल्द से जल्द भारत मौसम विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
ये है जानकारी का फार्मेट
-किसान का नाम
-मोबाइल नंबर
-जनपद व क्षेत्र
-किस क्षेत्र में कौन सी उगाई जा रही फसल
यह है स्थिति
9.12 लाख राज्य में किसानों की संख्या
7.00 लाख हे. क्षेत्र में होती है खेती
1.05 लाख हे.कृषि भूमि हो चुकी बंजर
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