उत्तराखंडः अभी कांग्रेस में नहीं आ पाए दान सिंह भंडारी
भीमताल के पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा के बावजूद अभी उन्हें पार्टी की सदस्यता के लिए इंतजार करना होगा।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: भीमताल के पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा के बावजूद अभी उन्हें पार्टी की सदस्यता के लिए इंतजार करना होगा। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में एक कार्यक्रम में भंडारी की इस घोषणा के बावजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने उनके पार्टी में शामिल होने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की।
इस मामले में एक बार फिर मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय आमने-सामने हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भंडारी को राष्ट्रीय नेतृत्व की मौजूदगी में पार्टी में शामिल किया जाएगा।
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बीते दिनों कुमाऊं मंडल में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुए एक कार्यक्रम में पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी ने अन्य कई समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की थी।
भंडारी की इस घोषणा के बावजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने उनके पार्टी की सदस्यता लेने से इन्कार कर दिया था। राज्यसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के बीच संवादहीनता की स्थिति अब खत्म नहीं हो पाई है।
भंडारी के मामले ने इसे उजागर कर दिया। भंडारी के पार्टी में शामिल होने के बारे में सोमवार को मीडिया के सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भंडारी ने कांग्रेस में आने की इच्छा प्रकट की थी।
उन्होंने कहा कि उनके सहयोगियों को पार्टी में शामिल कराने के लिए हुए स्वागत समारोह में उन्होंने शिरकत की। उनके सहयोगियों को विधिवत तरीके से पार्टी में ज्वाइन कराया गया है। भंडारी ने भाजपा की विधायकी छोड़कर लोकतंत्र के लिए जो त्याग किया है, उसे कांग्रेस सैल्यूट करती है।
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सीएम ने कहा कि उस त्याग का कांग्रेसजनों को सम्मान करना चाहिए। भंडारी को राष्ट्रीय नेतृत्व के समक्ष पार्टी में शामिल कराया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की ओर से उनके बोलने पर सवाल नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के लिए नसीहत के तौर पर भी देखा जा रहा है।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि भंडारी के भाजपा से इस्तीफा देने की तुलना रेखा आर्य के दल-बदल से नहीं की जानी चाहिए। भंडारी ने सिद्धांतों के लिए भाजपा को छोड़ा है। पूर्व विधायक भीमलाल आर्य के बारे में उन्होंने कहा कि उनके बार-बार मना करने के बावजूद भीमलाल ने भाजपा के बजाय कांग्रेस का साथ देना मंजूर किया।
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