Move to Jagran APP

उपभोक्ता को साढ़े तीन साल बाद मिलेगा बीमा का पैसा Dehradun News

उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराने के साढ़े तीन साल बाद जितेंद्र कुमार भल्ला को न्याय मिल गया है। अब बीमा कंपनी को उसे बीमा राशि का भुगतान ब्याज सहित करना होगा।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 09:56 AM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 09:56 AM (IST)
उपभोक्ता को साढ़े तीन साल बाद मिलेगा बीमा का पैसा Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराने के साढ़े तीन साल बाद जितेंद्र कुमार भल्ला को न्याय मिल गया है। उपभोक्ता फोरम ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए एचडीएफसी अरगो जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड को पैसा चुकाने के आदेश दिए हैं।

loksabha election banner

गोविंद गढ़ निवासी भूपेंद्र सिंह का साल 2015 में मसूरी से दून आते समय रात सवा ग्यारह बजे एक्सीडेंट हो गया। अस्पताल में इलाज के बाद उन्होंने एचडीएफसी अरगो जनरल इंश्योरेंस इंश्योरेंस लिमिटेड से अपने स्वास्थ्य बीमा की पांच लाख 25 हजार सात सौ आठ रुपये की रकम अदा करने की मांग की। इसके एवज में कंपनी ने तीन लाख 63 हजार 997 रुपये का ही भुगतान किया।

जितेंद्र ने कंपनी से बचे हुए एक लाख 61 हजार सात सौ 11 रुपये भी अदा करने की मांग की। इस पर कंपनी ने उनके क्लेम को शर्तों के विरुद्ध बताते हुए क्लेम निरस्त कर दिया। इस पर जितेंद्र ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई। 

साढ़े तीन साल तक चली लंबी सुनवाई के बाद फोरम अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल ने जितेंद्र के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बीमा कंपनी को उन्हें एक लाख 99 हजार चार सौ 85 रुपये का भुगतान करने के आदेश दिए। साथ ही 20 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति और पांच हजार रुपये वाद-व्यय अंकन तीस दिनों के अंदर चुकाने के आदेश दिए हैं। तय सीमा तक भुगतान नहीं करने पर कंपनी को जितेंद्र को नौ फीसद वार्षिक दर से ब्याज भी चुकाना होगा। 

संस्थान को छात्र को लौटानी होगी फीस

तिलक रोड स्थित फारेस्ट कॉलोनी निवासी कलीराम ने नेशनल ऐकेडमी ऑफ इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में एमबीए कोर्स की फीस वापस कराने के लिए अर्जी दी थी। साल 2015 में उन्होंने अपनी बेटी का दाखिला संस्थान में एमबीए कोर्स में करवाने के लिए 14 हजार रुपये देकर पंजीकरण कराया था। आरोप था कि संस्थान ने दाखिलों के समय कलीराम को जानकारी नहीं दी। उन्होंने अपनी बेटी के भविष्य को देखते हुए सीमा का दाखिला दूसरे संस्थान में करवा दिया। 

यह भी पढ़ें: एटीएम ठगी में ग्राहक को हुए नुकसान की बैंक करेगा भरपाई

नेशनल ऐकेडमी ऑफ इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी से उन्होंने अपने फीस वापसी की मांग की तो संस्थान ने सीमा का दाखिला सुनिश्चित होने की बात कहकर फीस वापस करने से मना कर दिया। कलीराम ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई। 

यह भी पढ़ें: यात्रा डॉट कॉम को महिला यात्री को देना होगा टैक्सी का भाड़ा, पढ़िए पूरी खबर

लगभग चार साल चली सुनवाई के बाद फोरम ने कलीराम के हक में फैसला सुनाया। फोरम ने संस्थान को कलीराम को 14 हजार रुपये के मूल भुगतान के साथ पांच हजार रुपये मानसिक क्षति और तीन हजार रुपये वाद-व्यय चुकाने के आदेश दिए हैं। तीस दिन के भीतर आदेश का पालन नहीं होने पर कलीराम नौ फीसदी वार्षिक दर से ब्याज पाने के हकदार होंगे।

यह भी पढ़ें:  फ्लाइट में यात्री का बैग हुआ गुम, एयर इंडिया अदा करेगी 32 हजार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.