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उत्‍तराखंड: कांग्रेस को 'झटका' देने की तैयारी में भाजपा

उत्तराखंड में राज्यसभा की रिक्त हो रही सीट के चुनाव में कांग्रेस को वाकओवर देने की बजाय भाजपा उसे 'झटका' देने की मुहिम में जुट गई है।

By sunil negiEdited By: Published: Sun, 29 May 2016 11:42 AM (IST)Updated: Mon, 30 May 2016 08:00 AM (IST)

सुभाष भट्ट, [देहरादून]: उत्तराखंड में राज्यसभा की रिक्त हो रही सीट के चुनाव में कांग्रेस को वाकओवर देने की बजाय भाजपा उसे 'झटका' देने की मुहिम में जुट गई है। इस मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए भाजपा के कुछ केंद्रीय नेता फिर से देहरादून में डेरा डालने जा रहे हैं। इस मामले में भाजपा की निगाहें पीडीएफ पर तो हैं ही, पार्टी नेता सतपाल महाराज और विजय बहुगुणा के करीबी रहे कुछ कांग्रेसी विधायकों पर भी भाजपा की नजरें टिकी हैं। ऐसी तमाम आशंकाओं से पहले से ही परेशान कांग्रेस के लिए भाजपा की यह नई कवायद फिर से मुश्किलें खड़ी कर सकती है।

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नौ पार्टी विधायकों की बगावत के बाद उत्तराखंड में पैदा हुए राजनीतिक संकट से उबरने के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस के सामने अब एक और परीक्षा की घड़ी आ गई है। छह गैरकांग्रेसी विधायकों का संयुक्त मंच पीडीएफ पिछले कई दिनों से राज्यसभा के चुनाव में अपना प्रत्याशी उतरने के स्टैंड पर अड़ा है। लिहाजा, राज्यसभा के चुनाव को इस बार भाजपा भी कांग्रेस को झटका देने के लिए एक अवसर के तौर पर देख रही है। यही वजह है कि भाजपा की इस मुहिम की कमान अब पार्टी के कुछ केंद्रीय नेताओं ने अपने हाथ में ले ली है।
भाजपा के राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिवप्रकाश व प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू इस मामले में 30 मई को देहरादून आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार दोनों केंद्रीय नेता 30 मई को ही भानियावाला में प्रदेश कोर कमेटी के साथ राज्यसभा चुनाव को लेकर विचार विमर्श करेंगे। साथ ही, उसी दिन देर शाम तक भाजपा राज्यसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवार का नाम भी घोषित कर सकती है। गौरतलब है कि कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की सदस्यता रद्द होने के बाद अब विधानसभा में कांग्रेस का संख्याबल 36 से घटकर 27 रह गया, जबकि भाजपा के पास 27 विधायक हैं।

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इसके अलावा, छह गैरकांग्रेसी विधायकों का प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट हरीश रावत सरकार को तो समर्थन दे रहा है, मगर इस राज्यसभा चुनाव में उसने अपना प्रत्याशी उतार दिया है। ऐसे में लगातार रोचक होते दिख रहे इस चुनाव को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व सक्रिय हो गया। पीडीएफ के रुख के अलावा भाजपा की निगाहें पार्टी नेता सतपाल महाराज व पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के करीबी रहे कांग्रेसी विधायकों पर भी टिकी हैं। जाहिर है कांग्रेस को झटका देने की भाजपा की इस नई कवायद ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ा दी हैं।

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'राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा में विचार-विमर्श का दौर जारी है। चुनाव में प्रत्याशी उतारने के संबंध में निर्णय लेने के लिए अभी हमारे पर अभी वक्त है। जल्द ही इस बारे में निर्णय ले लिया जाएगा।'
-अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

'राज्यसभा चुनाव के संबंध में पार्टी के केंद्रीय नेताओं से विचार-विमर्श करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाना है। जल्द ही इस संबंध में बैठक होनी प्रस्तावित है।'
-मदन कौशिक, विधानसभा में भाजपा के उपनेता।



विधानसभा में वर्तमान दलीय स्थिति

पार्टी संख्याबल
कांग्रेस 27
भाजपा 28
पीडीएफ 06
कुल 61

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