Move to Jagran APP

तीन कानून में हो रहे बड़े बदलाव, ढांचा तैयार करने में जुटी पुलिस; 20 करोड़ रुपये का बजट जारी

देश में की कानून व्यवस्था में एक जुलाई 2024 से तीन बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। अब इंडियन पीनल कोड (आइपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा। अब साक्ष्यों पर गंभीरता से काम करने के लिए पुलिस विभाग ढांचे में बदलाव करने जा रहा है।

By Soban singh Edited By: Aysha Sheikh Published: Thu, 09 May 2024 10:09 AM (IST)Updated: Thu, 09 May 2024 10:09 AM (IST)
तीन कानून में हो रहे बड़े बदलाव, ढांचा तैयार करने में जुटी पुलिस; 20 करोड़ रुपये का बजट जारी

सोबन सिंह, देहरादून। देश में की कानून व्यवस्था में एक जुलाई 2024 से तीन बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। अब इंडियन पीनल कोड (आइपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा। पूर्व में साक्ष्यों के अभाव के चलते कई मामलों में अपराधी बरी हो जाता था, ऐसे में अब साक्ष्यों पर गंभीरता से काम करने के लिए पुलिस विभाग ढांचे में बदलाव करने जा रहा है।

loksabha election banner

बड़े अपराधों (जिसमें सात साल से अधिक की सजा) में पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर फारेंसिक के साथ इलेक्ट्रानिक साक्ष्य जुटाएगी इसके लिए पुलिस थानों के लिए आधुनिक संसाधन जुटाए जा रहे हैं। इसमें थानों के लिए वाहन से लेकर कंप्यूटर, कांफ्रेंस रूम, सर्वर आदि शामिल हैं। संसाधन जुटाने के लिए सरकार की ओर से इस बार 20 करोड़ रुपये का बजट मिला है। इस बजट से संसाधन जुटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

वाहनों की खरीद प्रक्रिया भी हुई शुरू

शहर में कोई भी आपराधिक घटना होने पर समय पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाना सबसे बड़ी चुनौती होती है। क्योंकि कई बार देखा गया है कि फारेंसिक टीम समय पर नहीं पहुंच पाती, ऐसे में तब तक कई साक्ष्य मिट जाते हैं। यही नहीं, जिलों में फारेंसिक की कम टीमें हैं, जिन्हें कोई घटना होने पर बुलाना पड़ता है। विभाग अब इस दिशा में काम कर रहा है कि जिस थाना क्षेत्र में अपराध घटित हो, उसी थाने से फारेंसिक की टीम तत्काल पर पहुंचे, इसके लिए प्रदेश के 166 थानों में बुलेट मोटरसाइकिल उपलब्ध कराए जाएंगे।

हर थाने से दारोगाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण

पुलिस विभाग में अभी फारेंसिक एक्सपर्ट की भी भारी कमी है, ऐसे में हर थाने से दारोगाओं को फारेंसिक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। फारेंसिक लैब देहरादून व हल्द्वानी से प्रशिक्षित अधिकारी दारोगाओं को प्रशिक्षण देंगे। जिसमें बताया जाएगा कि किस तरह घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए जाते हैं। दारोगाओं का यह प्रशिक्षण अलग-अलग चरणों में होगा।

उपकरणों की खरीद के लिए भेजा प्रस्ताव

बुलेट मोटरसाइकिल खरीद के लिए पुलिस विभाग की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। शासन से प्रस्ताव पास होने के बाद खरीद प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पुलिस विभाग की ओर से बुलेट की विभिन्न कंपनियों से संपर्क भी किया है और उनका ट्रायल लिया जा रहा है। देखा जा रहा है कि कौन सा बुलेट घटनास्थल तक पहुंचने के लिए ठीक रहेगा। नए कानून लागू होने के बाद पुलिस के सामने चुनौतियां भी काफी होंगी।

खासकर कोई घटना होने पर साक्ष्य जुटाना महत्वपूर्ण है। साक्ष्य जुटाने के तरीकों में भी बदलाव हुआ है। पहले नक्शा नजीर बनाया जाता था, अब आडियो-वीडियो महत्वपूर्ण होगा। यह वीडियो कोर्ट में भी पेश होगा, ताकि कोर्ट वीडियो देखकर ही घटना को समझ सके। साक्ष्य जुटाने के लिए संसाधन महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

किसी भी जगह अपराध की घटना होने पर तत्काल फारेंसिक टीम मौके पर पहुंचे, इसके लिए बुलेट मोटरसाइकिल खरीदी जा रही हैं। प्रदेश के 166 थानों में यह मोटरसाइकिल दी जाएंगी। प्रत्येक थाने से दारोगाओं को फारेंसिक साइंस का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वह समय पर पहुंचकर साक्ष्य जुटा लेंगे। - एपी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड

साक्ष्य अधिनियम में कुछ बदलाव हुए हैं। अब पुलिस को तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर फारेंसिक व इलेक्ट्रोनिक साक्ष्य हासिल करने होंगे। डिजीटल इंडिया की तरफ बढ़ रहा है, ऐसे में नक्शा नजीर की जगह अब वीडियोग्राफी महत्वपूर्ण रहेगी। सबसे बड़ी समस्या फारेंसिक लैब की है, जहां पर फारेंसिक व इलेक्ट्रानिक साक्ष्य जांच के लिए भेजे जाते हैं। प्रदेश में एक ही लैब होने के चलते रिपोर्ट देरी से मिलती है, जिसके कारण न्याय देरी से होता है। ऐसे में लैब बढ़ाने की भी जरूरत है। - राजीव कुमार गुप्ता, एडीजीसी (क्रिमिनल)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.