मां को तेंदुए के जबड़े से खींच लाए थे टिहरी के पंकज, राष्ट्रपति करेंगे सम्मानित
गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मां को तेंदुए के जबड़ से खींच लाने वाले बालक पंकज सेमवाल को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित करेंगे।
देहरादून, [जेएनएन]: 16 वर्ष की उम्र में गुलदार(तेंदुआ) का सामना करने का जज्बा दिखाने वाले उत्तराखंड के वीर बालक पंकज सेमवाल को गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। पुरस्कार ग्रहण करने पंकज अपनी मां बिमला देवी के साथ दिल्ली गए हैं।
उत्तराखंड बाल कल्याण परिषद के महासचिव केपी भट्ट ने बताया कि राष्ट्रीय बाल कल्याण परिषद ने सभी राज्यों से वीर एवं पराक्रमी घटनाओं से जुड़े बच्चों के नाम मांगे थे। इसमें उत्तराखंड से दो नाम भेजे गए, जिनमें पंकज सेमवाल को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।
घटना जुलाई 2016 की है। टिहरी जिले के ग्राम नारगढ़ (धारमंडल) में पंकज की मां, छोटे भाई और बड़ी बहन घर के आंगन में थे। शाम को अंधेरा गहराने पर अचानक गुलदार ने मां पर हमला कर दिया। घर के भीतर मौजूद पंकज ने जैसे ही मां की चीख सुनी वह तत्काल बाहर आए। आनन-फानन वह गुलदार से भिड़ गए। पंकज के इस अप्रत्याशित वार से गुलदार उनकी मां को छोड़ भाग खड़ा हुआ।
पंकज की वीरता ने मां, छोटे भाई व बड़ी बहन को मौत के मुंह से बाहर निकाल दिया। बारहवीं कक्षा में अध्ययनरत पंकज के पिता का निधन हो चुका है। वर्तमान में उसकी मां खेतीबाड़ी एवं दूध बेचकर परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं। बहन बीएससी व भाई नवीं कक्षा में पढ़ रहा है। पंकज भी ट्यूशन पढ़ाकर अपनी मां का हाथ बंटाते हैं।
यह भी पढ़ें: गणतंत्र दिवस पर पंकज को मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार
यह भी पढ़ें: राजपथ पर नजर आएगी उत्तराखंड के ग्रामीण पर्यटन की झांकी