..तो यहां 25 साल बाद ग्रामीण चुनेंगे ग्राम प्रधान
भिकियासैंण : आपसी सलाह और मशवरा कर निर्विरोध जनप्रतिनिधि चुनना यहां की पुरानी परम्परा रही है, लेकिन इस बार सालों का यह मिथक टूट जाएगा। 25 साल के बाद ग्रामीण फिर ग्राम प्रधान पद के लिए अपने मत का प्रयोग करेंगे और अपना जनप्रतिनिधि चुनेंगे।
जिले के भिकियासैंण ब्लाक का ऐसा ही गांव है खुरेड़ी। इस गांव में आज तक हुए चुनावों में अक्सर जनप्रतिनिधि निर्विरोध ही चुने गए। कोटियाल, खुरेड़ी और बेल्टी तोकों को जोड़कर बनाए इस गांव वर्ष 1969 में बचे सिंह मावड़ी ग्राम प्रधान चुने गए थे, लेकिन इसके बाद वर्ष 1974 के पंचायत चुनावों से पहले खुरेड़ी को पृथक ग्राम सभा बना दिया गया। इस साल यहां पंचायत चुनावों में ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पद पर पूर्व प्रधान बचे सिंह मावड़ी को ही निर्विरोध ग्राम प्रधान बनाया। वर्ष 1979 और 1984 में भी बचे सिंह मावड़ी ग्राम प्रधान पद पर जमे रहे। वर्ष 1989 में राम सिंह ने इस सीट से ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा और उन्हें जीत भी हासिल हुई। वर्ष 1994 और वर्ष 1999 के चुनावों में भी पुन: राम सिंह 10 सालों तक ग्राम प्रधान की इस सीट पर कब्जा जमाए रहे। 2004 के पंचायत चुनावों में यह सीट आरक्षित हो गई और यहां के ग्रामीणों ने फिर आपसी राय मशवरा कर गोपाल राम को निर्विरोध ग्राम प्रधान बनाया। साल 2009 में भी देवकी देवी निर्विरोध चुनी गई। इस बार वर्ष 2004 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में इस सीट से ग्राम प्रधान पद पर दो उम्मीदवार मैदान में हैं। इस बार पूरे 25 साल के बाद यहां के ग्रामीण अपने मत का प्रयोग करेंगे और अपना ग्राम प्रधान चुनेंगे।