गिनीज बुक में मां भारती को समर्पित वर्ल्ड रिकार्ड का प्रयास
स्वतंत्रता दिवस के मौके में काशी के जगदीश पिल्लई ने आज मां भारती के चरणों में गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के प्रयास को समर्पित किया।
वाराणसी (जेएनएन)। सत्तरवें स्वतंत्रता दिवस के खास मौके में अनूठा अहसास पिरोते हुए काशी के लाल डा. जगदीश पिल्लई ने रविवार को मां भारती के चरणों में अपना चौथा विश्व रिकार्ड समर्पित किया। पूर्व संध्या पर महमूरगंज स्थित माहेश्वरी भवन में आयोजित समारोह में स्वतंत्र भारत के नाम 15 गुणित 19 इंच आकार और तीन किलो के 70 यानी 210 किग्रा के केक सजाए। सर्वधर्म सद्भाव के साथ 200 लोगों से 70 हजार मोमबत्तियां जलवाईं। पाणिनि कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने बीएचयू के प्रो. वी. बालाजी की वायलिन के तारों की झंकार में जन गण मन... को एकाकार किया। मां भारती स्वरूप बालिका ने 70वें स्वतंत्रता दिवस का केक काटा। इसे उपस्थितजन ने एक दूसरे को खिलाया, बालगृहों व वृद्धाश्रमों में भी बांटा।
अमेरिकन कंपनी के नाम था रिकार्ड
यह विश्व रिकार्ड अब तक गिनीज बुक में अमेरिकन पेयजल कंपनी माइकस हार्ड लेमोनेड के नाम था। कंपनी की 17वीं वर्ष गांठ 13 अप्रैल 2016 को लॉस एंजेल्स, कैलिफोर्निया में 50,151 मोमबत्तियां जला कर मनाई गई थी। अब यह रिकार्ड डा. जगदीश पिल्लई के नाम हो गया है हालांकि अभी इसे गिनीज बुक में दर्ज करने को भेजा जाएगा।
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मिशन में सहयोगी
विश्व रिकार्ड अभियान के दौरान संगीत प्रस्तुति में विजयानंद यादव, नीरज शर्मा, तबला पर पं. विभाष महाराज, पखावज पर पं. अंकित पारिख व बांसुरी पर अतुल शंकर ने संगत की। सीए सोम दत्ता रघु और माहेश्वरी परिषद व मोक्ष फाउंडेशन आदि ने सहयोग किया।
जगदीश का चौथा रिकार्ड
गिनीज बुक में शामिल होने के बाद डा. जगदीश के नाम यह चौथा रिकार्ड होगा। उनका लक्ष्य एक साल में 20 विश्व रिकार्ड बनाने का है। इसके साथ ही वह क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के 19 विश्व रिकार्ड को पार कर जाएंगे। इसके लिए वह गिनीज बुक आफ विश्व रिकार्ड से स्वीकृति ले चुके हैं। इसमें 19 अगस्त को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत संदेश परक पोस्टर खास होगा। इसमें बाल विकास मंत्रालय भी सहयोग करेगा।