कागजों पर ही दमक रहे शौचालय
सीतापुर: बेसिक शिक्षा विभाग के कागजी आंकड़ों पर अगर नजर डाली जाए तो प्रयोग में आ रहे सभी प्राथमिक व ज
सीतापुर: बेसिक शिक्षा विभाग के कागजी आंकड़ों पर अगर नजर डाली जाए तो प्रयोग में आ रहे सभी प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में शौचालय की व्यवस्था है। आंकड़ों के मुताबिक शौचालय नियमानुसार बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग बने हुए हैं, इनका बाकायदा प्रयोग भी हो रहा है। अब अगर जमीनी हकीकत देखें तो जिले के महज दस फीसद विद्यालय ही ऐसे हैं जहां शौचालय ठीक हैं और प्रयोग में आ रहे हैं। जबकि 90 फीसद विद्यालयों के शौचालय बदहाल हैं। इन विद्यालयों में शौचालय के रूप में केवल चहार दीवारी ही है। विद्यालयों के शौचालयों पर नजर डाली जाए तो अधिकांश में सीट नहीं है, जिनमें सीट है तो उनमें पल्ले नहीं हैं। प्रयोग में न आने के कारण झाड़ियों से घिरे तथा कूड़ा घर में तब्दील हो गए हैं। झाडि़यों में घिरे इन शौचालयों में बच्चे तो बच्चे अध्यापकगण जाने से घबराते हैं, उनको भय है कि कहीं ऐसा न हो इन झाड़ियों में कहीं कोई विषैला जीव न बैठा हो।
केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर प्रत्येक ग्राम पंचायत के प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में शौचालय बनवाने का नियम है। यह शौचालय ग्राम पंचायतराज विभाग द्वारा बालक व बालिकाओं के लिए अलग-अलग बनवाए गए थे। शुरुआती दौर में तो कुछ वर्षो तक इन शौचालयों की दशा ठीक रही लेकिन समय बीतने के साथ-साथ यह बेकार हो गए। पल्ले गायब होना, सीट टूटना, पानी की टंकी का गायब होना आदि दिक्कतें हैं। महमूदाबाबाद विकासखंड का प्राथमिक विद्यालय कोठिला, जगदीशपुर, भुसहा, उच्च प्राथमिक विद्यालय भुसहा, प्राथमिक व जूनियर विद्यालय रजजापुर। पिसावां क्षेत्र के जूनियर विद्यालय पिसावां, महमदापुर, बबुर्दीपुर, औरैया, शिव सिंह। रामपुर मथुरा क्षेत्र के प्राथमिक व जूनियर सरैंया मसूदपुर, प्राथमिक सदुआपुर, बघौली, चांदपुर, कनरखी, बखारी। खैराबाद विकासखंड के प्राथमिक व जूनियर विद्यालय रामकोट, प्राथमिक विद्यालय जुहुरी, ज्योतीखेड़ा, मधवापुर, रायपुर, धर्मपुर, रामनगर के शौचालय बदहाल हैं। इनका प्रयोग नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य विकासखंडों के भी ज्यादा से ज्यादा विद्यालय ऐसे हैं जहां शौचालय बदहाल हैं।
इनसेट
सफाईकर्मी न होना है सबसे बड़ी दिक्कत
एक शिक्षक ने बताया प्राथमिक व जूनियर विद्यालय में सफाईकर्मी का कोई पद नहीं है। विद्यालय की सफाई के लिए विभाग को पंचायत विभाग पर निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन यह सफाईकर्मी विद्यालय नहीं आते हैं। लिहाजा शौचालय गंदगी से पटे हैं।
बीएसए का कहना है
सभी विद्यालयों भवन सहित शौचालय के रखरखाव केलिए ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात सफाईकर्मी को जिम्मेदारी दी गई है। फिर भी सफाईकर्मी नियमित नहीं जाते हैं। इसके लिए पंचायतराज अधिकारी को पत्र लिखा जाएगा।
संजय शुक्ल, बीएसए
फैक्ट फाइल-
कुल प्राथमिक विद्यालय - 3015
कुल छात्र-4 लाख 23 हजार
कुल शिक्षक - 4015
कुल उच्च प्राथमिक विद्यालय - 1250
कुल छात्र-1 लाख 42 हजार
कुल शिक्षक - 1766