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बंद मिलीं कोठियां..दरवाजों पर पड़े ताले

कैराना (शामली): कैराना पलायन प्रकरण में भाजपा सांसद हुकुम ¨सह की ओर से जारी की गई सूची की जागरण ने ज

By Edited By: Published: Thu, 09 Jun 2016 11:37 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jun 2016 11:37 PM (IST)
बंद मिलीं कोठियां..दरवाजों पर पड़े ताले

कैराना (शामली): कैराना पलायन प्रकरण में भाजपा सांसद हुकुम ¨सह की ओर से जारी की गई सूची की जागरण ने जमीनी पड़ताल की। सांसद की ओर से सूची जारी करने के बाद पहले दिन टीम जागरण ने करीब आठ बड़े कारोबारियों के मकानों का सत्यापन किया। वहां उनके मकानों में ताले लटके मिले थे। दूसरे दिन जागरण ने फिर 9 व्यवसायियों के मकानों की पड़ताल की। हैरत यह रही कि इनमें से भी सभी में ताले लटके मिले। आसपास के लोग भी इस बारे में बात करने कतराते रहे।

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पी-14 ::::

केस एक : मोहन लाल गर्ग पेशे से व्यापारी थे। इनका मकान सरावज्ञान मोहल्ला-कैराना में स्थित है। इनके मकान पर ताला लटका मिला।

पी-15 ::::

केस दो : भूषणलाल गर्ग किरयाना दुकानदार थे, इनका भी मकान सरावज्ञान मोहल्ला- कैराना में था, मकान पर ताला लटका मिला।

पी-27 ::::

केस तीन : अनिल जैन परचून के दुकानदार थे, मोहल्ला सरावज्ञान कैराना में इनके मकान पर ताला पड़ा मिला।

पी-16 ::::

केस चार : प्रवीण जैन पेशे से कोल्ड ड्रिंक एजेंसी के मालिक थे, सरावज्ञान मोहल्ला-कैराना स्थित इनके मकान पर ताला लटका पाया गया।

पी-17 ::::

केस पांच : पप्पू पेंट की दुकान चलाते थे। शंकरसोदियान मोहल्ला-कैराना स्थित इनके मकान पर ताला लटका मिला।

पी-18 ::::

केस छह : मास्टर सुरेश चन्द गुप्ता रिटायर्ड टीचर, टीचर्स कालोनी मोहल्ला-कैराना में इनके मकान पर ताला लटका हुआ था।

पी-19 ::::

केस सात : राधेश्याम वैश्य पेशे से सरकारी नौकर थे। पट्टोवाल मोहल्ला-कैराना में इनका मकान बंद पड़ा है, ताला घर पर लटका हुआ है।

पी-20 ::::

केस आठ : संजीव गर्ग पेशे से अधिवक्ता थे। पट्टोवाला मोहल्ला कैराना में रह रहते थे। अब कैराना में नहीं रहते, मकान बंद पड़ा है।

पी-21 ::::

केस नौ : कश्मीरी बत्रा पेशे से दुकानदार, चौक बाजार मोहल्ला-कैराना में इनका मकान बंद पड़ा है, उस पर ताला लटका हुआ है।

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डीएम सुजीत कुमार ने कहा कि कैराना प्रकरण में शासन की ओर से कोई दिशा निर्देश उन्हें जारी नहीं हुए हैं, इस मामले में पलायन के ठोस सबूत अगर उन्हें मुहैया कराये गये तो वह साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई करेंगे, लेकिन बिना साक्ष्यों के प्रशासन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करेगा।


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