मुख्यमंत्री आवास घेरने चले यूपीपीएससी आरक्षण समर्थकों पर चलीं लाठियां
सुबह 6:30 बजे जा रहे थे मुख्यमंत्री आवास घेरनेराजभवन के सामने रोकने के बाद पुलिस ने ि

लखनऊ (जासं) लोक सेवा आयोग की परीक्षा में आरक्षण के मुद्दे पर इलाहाबाद में भड़की आग मंगलवार को राजधानी पहुंच गई। आरक्षण के समर्थकों ने मंगलवार को राजधानी में प्रदर्शन किया और राजभवन और मुख्यमंत्री आवास घेरने का प्रयास किया। राजभवन के सामने पहुंचते ही पुलिस ने उन पर लाठियां बरसानी शुरू कर दीं। लाठीचार्ज में करीब दो दर्जन आरक्षण समर्थक घायल हो गए। प्रदर्शन को देखते हुए राजभवन, मुख्यमंत्री और विधानभवन जाने वाले मार्ग पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
आरक्षण समर्थक दलित पिछड़ा अल्पसंख्यक मंच के अध्यक्ष दिनेश सिंह यादव के आह्वान पर चारबाग से चला छात्रों का समूह सुबह 6:30 बजे जीपीओ के पास पहुंचा। वहां से सभी मुख्यमंत्री आवास की ओर निकल पड़े। राजभवन के सामने इन लोगों के पहुंचते ही पुलिस को इसकी भनक लग गई। छात्रों को रोकने की कोशिशें नाकाम होते देख पुलिस ने उन पर लाठियां भांजनी शुरू कर दीं। लाठीचार्ज व भगदड़ में इलाहाबाद के अनिल यादव और रमेश के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। इलाहाबाद के राहुल यादव, राघवेंद्र यादव, मनोज यादव, दुर्गेश यादव, ओमप्रकाश, दिग्विजय व ब्रजेश यादव, अंबेडकरनगर के ओमप्रकाश यादव, संजय वर्मा व आशुतोष, कुशीनगर के विजय यादव, देवरिया के शेखर गुप्ता, गाजीपुर के मनोज यादव, जौनपुर के राजबीर यादव व बलराम यादव, प्रतापगढ़ के अवनीश प्रजापति, आजमगढ़ के मुकेश मौर्य और बलिया के अनूप यादव को हल्की चोटें आई हैं।
पुलिस लाठीचार्ज से नाराज आरक्षण समर्थक छात्रों ने विधान भवन के सामने ही धरना शुरू कर दिया। अपना दल की राष्ट्रीय महासचिव अनुप्रिया पटेल भी इन छात्रों के समर्थन में धरने के दौरान पहुंचीं। उन्होंने आरक्षण को जायज बताते हुए विधानसभा में मामला उठाने का आश्वासन दिया। दिनेश यादव का कहना है कि वे लोग मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक कर लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस के लाठीचार्ज के विरोध और आरक्षण के समर्थन में धरना जारी रहेगा। अंबेडकर महासभा व राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के साथ ही कई संगठनों के कार्यकर्ता भी धरने में शामिल थे।खुफिया विभाग की सूचना के बावजूद आरक्षण समर्थक मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर गए और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी। हालांकि प्रशासन की विफलता की कीमत भी आरक्षण सर्मथकों को लाठी खाकर चुकानी पड़ी। विधान भवन के सामने पुलिस और समर्थकों के बीच कई बार धक्का-मुक्की हुई। प्रशासन को अतिरिक्त पुलिस बल के साथ ही आरएएफ की टुकड़ी को बुलाना पड़ा। बैरीकेडिंग हटाने का प्रयास कर रहे समर्थकों को भगाने के लिए पुलिस को कई बार हल्का बल भी प्रयोग करना पड़ा।
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क्या है मामला
लोकसेवा आयोग ने पिछले दिनों आरक्षण नीति में परिवर्तन कर दिया था। इसमें परीक्षा के हर चरण में पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान कर दिया गया था। इलाहाबाद, लखनऊ समेत कई जगहों पर आरक्षण विरोधियों ने सपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। अंतत: मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को यह प्रावधान वापस ले लिया। इसके बाद से आरक्षण समर्थक सपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं
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