शिक्षक दंपती ने बालिका को मोमबत्ती व सिगरेट से जलाया
समाज को दिशा दिखाने वाले शिक्षक ही अब राह भटक रहे हैं। पुरुष शिक्षकों के क्रूरता के बहुत मामले सामने आते हैं लेकिन वाराणसी में तो शिक्षक दंपती ने हैरान करने वाले कृत्य को अंजाम दिया। शिक्षक दंपती ने ही 12 वर्ष की बच्ची को नौकरानी बनाकर उसको शारीरिक प्रताडऩा
लखनऊ। समाज को दिशा दिखाने वाले शिक्षक ही अब राह भटक रहे हैं। पुरुष शिक्षकों के क्रूरता के बहुत मामले सामने आते हैं लेकिन वाराणसी में तो शिक्षक दंपती ने हैरान करने वाले कृत्य को अंजाम दिया। शिक्षक दंपती ने ही 12 वर्ष की बच्ची को नौकरानी बनाकर उसको शारीरिक प्रताडऩा दी।
हालात से मजबूर परिवार ने 12 वर्ष की बेटी को एक रिश्तेदार के कहने पर परिचित के हवाले कर दिया, यह सोचकर कि शिक्षक दंपती के हाथों में बेटी का भविष्य सुरक्षित रहेगा, लेकिन माता-पिता की सोच गलत निकली। बेटी हैवानियत की हद पार करने वाले शिक्षक दंपती के चंगुल में तीन माह तक फंसी रही। उसे ऐसी-ऐसी शारीरिक यातनाएं दी गईं कि पूछिए मत। एक हफ्ते पहले जब पिता बहराइच पहुंचा तब अपनी मासूम बेटी की हालत देखकर स्तब्ध रह गया। वह अपनी संतान को नहीं पहचान पाया। किसी तरह से वहां से बेटी को लाने के बाद परिवार ने बेटी को डीडीयू अस्पताल में भर्ती कराया। बालिका के साथ हुई हैवानियत की जानकारी होते ही एसएसपी ने सीओ सदर को मौके पर भेजा। अस्पताल में एसीएम तृतीय के समक्ष पीडि़त बालिका का बयान दर्ज होने के बाद लोहता पुलिस ने कल आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है।
संतान की जिंदगी के सपनों पर फिरा पानी
वाराणसी के लोहता थाना क्षेत्र के कोटवां का मोहम्मद युसूफ की जिंदगी तंगहाली में गुजर रही है, पत्नी शमीना बानो, पांच बेटी एक बेटा के साथ एक कमरे में रहता है। बिनकारी से मिलने वाली रकम परिवार की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही थी। इसके बाद भी हर मां-बाप की तरह युसूफ और उसकी पत्नी बच्चों की अच्छी जिंदगी के सपने बुनते रहे। बीते साल बच्चों में दूसरे नंबर की बेटी मोबिना (12 वर्ष) अशफाक (कमच्छा नगर) में रहने अपनी मौसी के घर गयी थी। बजरडीहा में मौसी का एक रिश्तेदार कलाम अक्सर वहां आता था। कलाम का मित्र नौशाद अपनी अपनी पत्नी के साथ बहराइच में शिक्षण कार्य से जुड़े हैं। उनकी नजर मोबिना पर पड़ी। तब नौशाद ने युसूफ को सपना दिखाया कि वह इस बच्ची मोबिना को अच्छी तालीम दिलाएगा, उसकी जिंदगी बेहतर बनाएगा, बदले में उसे सिर्फ तीन साल की बेटी को देखरेख करनी होगी। बेटी की तकदीर संवरने की बात सुनते ही पिता राजी हो गया और बड़ी उम्मीदों के साथ बेटी को नौशाद और उनकी पत्नी के हवाले कर दिया।
मोमबत्ती, सिगरेट से दागा, जूते व लकड़ी से की पिटाई
पांच माह पहले मोबिना को नौशाद और उसकी पत्नी माहीनूरी जान अपने साथ बहराइच ले गईं। कुछ दिनों तक तो सब ठीक रहा लेकिन धीरे-धीरे हालात बद से बदतर होने लगे। घर के बर्तन मांजने से लेकर झाड़ू-पोंछा कराते थे। पहले छोटी-छोटी गलती पर डंडे से पिटाई और दो-तीन दिन भूखा रखने का सिलसिला शुरू हुआ। अब अस्पताल में भर्ती पीडि़ता ने बताया कि घर का सारा काम करवाते थे। उनकी बेटी तंदरुस्त थी इसलिए वह उसे उठा नहीं पाती थी जिससे आए दिन उसकी पिटाई होती। जब घर पहुंचाने या तालीम दिलाने की बात कहती तो जूते से मारते थे दोनों। कई बार जलती मोमबत्ती हाथ-पैर पर रख देते, सिगरेट से भी दागते थे। घर से जब भी फोन आता तो बात नहीं कराते थे।
अब्बू मैं हूं आपकी बेटी
तीन माह तक यातना की इंतहा कर दी थी शिक्षक दंपती ने। यातना के बीच भूखा रखने के कारण मोबिना की तबीयत बिगड़ गई। जब उसमें बिस्तर से उठने की शक्ति नहीं रह गई तब बीते शुक्रवार को नौशाद ने युसूफ को फोन करके बताया कि बेटी की तबीयत ठीक नहीं है। किसी तरह रुपयों का इंतजाम करके पिता बहराइच पहुंचा। पिता के आने की बात सुनते ही मोबिना दरवाजे पर पहुंची। अनजान नजरों से घूरते पिता को देख वह समझ गई कि दयनीय हालत में होने के कारण पिता उसे पहचान नहीं रहे। जैसे ही मोबिना ने अब्बू कहा, पिता चौंक पड़ा, बेटी का हाल देख कलेजा बैठ गया। काफी मारपीट के कारण उसका शरीर काला पड़ गया था। शिक्षक दंपती की लानत-मलानत करते हुए वह बेटी को लेकर रविवार को वाराणसी पहुंचा।
अब समझौते का दबाव
किसी तरह बेटी को लेकर मो. युसुफ जब घर पहुंचे तो पूरा परिवार दंग रह गया। तत्काल उसे समीप के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। शिक्षक दंपती की हरकत से नाराज परिवार शिकायत करने पुलिस चौकी पहुंचा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उधर इसकी भनक लगने पर शिक्षक के दबंग रिश्तेदार मामले में समझौते का दबाव बनाने लगे। दो-तीन दिन तक पुलिस की मौजूदगी में सुलह-समझौते की कवायद चलती रही। लोहता थाने पर शिकायत की लेकिन पुलिस ने यह कहकर बैरंग भेज दिया कि मामला बहराईच का है वहीं मुकदमा दर्ज होगा। बेटी को इंसाफ न मिलते देख माता-पिता ग्रामीणों की मदद से आला अधिकारियों के पास पहुंचे और शिकायत दर्ज कराने के साथ ही बेटी को डीडीयू अस्पताल में भर्ती कराया। एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल सीओ सदर मुकेश उत्तम के अस्पताल भेजा। एसीएम के साथ पहुंचे। बयान के बाद सीओ के निर्देश पर लोहता पुलिस ने पीडि़ता की मां की तहरीर पर आरोपी शिक्षक व उसकी पïत्नी के खिलाफ नाबालिग को प्रताडि़त करने, काम कराने, मारपीट समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा कायम किया।