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पूर्वांचल में नदियां उफान पर दर्जनों ट्रेनें निरस्त, राहत कार्य में लगी सेना

चौबीस घंटे के दौरान सिद्धार्थनगर के दो सौ से ज्यादा गांव को संकट में डाल दिया है। सभी गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। गोरखपुर एवं महराजगंज जिले के सैकड़ों गांव पानी से घिर गए है

By Ashish MishraEdited By: Published: Thu, 28 Jul 2016 09:16 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jul 2016 09:51 AM (IST)
पूर्वांचल में नदियां उफान पर दर्जनों ट्रेनें निरस्त, राहत कार्य में लगी सेना

लखनऊ (जेएनएन) । अवध क्षेत्र में नेपाल से सटे जिलों में नदियां तबाही मचा रही हैं। पिछले चौबीस घंटे के दौरान सिद्धार्थनगर के दो सौ से ज्यादा गांव को संकट में डाल दिया है। सभी गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। मंगलवार को शोहरतगढ़ तहसील की बानगंगा ने कहर ढाया तो बुधवार की रात से राप्ती और बूढ़ी राप्ती में 1.64 लाख क्यूसेक पानी श्रावस्ती से होकर आ जाएगा। जिले की सात में से तीन नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गोरखपुर एवं महराजगंज जिले के सैकड़ों गांव पानी से घिर गए हैं। वहीं अन्य जिलों में नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। सहारनपुर में यमुना में उफान से दिल्ली पर पड़ सकता है असर।

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सिद्धार्थनगर में सैकडों बाढ़ में फंसे, बचाव में जुटी एनडीआरएफ

सिद्धार्थनगर की सभी नदियां कमोवेश बढ़त पर हैं। अगले 72 घंटे जनपद की फसल, जिंदगियों और संसाधनों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होंगे। इस दौरान मंगलवार की रात गोरखपुर से सिद्धार्थनगर होते हुए गोंडा तक जाने वाली चार ट्रेनें निरस्त रहीं। एकाएक बढ़े जलस्तर ने बाणगंगा-एफलेक्सबांध को काट दिया। फलस्वरूप सौ से ज्यादा गांव लहराते पानी की चपेट में आ गए। चार सौ से ज्यादा लोग घर में कैद हो गए। देर रात सांसद जगदंबिका पाल ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मदद मांगी। जिलाधिकारी नरेन्द्र शंकर पांडेय ने एनडीआरएफ की 11 वीं बटालियन और एयरफोर्स गोरखपुर से सहायता की दरियाफ्त कर दी।

इसके बाद एनडीआरएफ की 40 सदस्यीय टीम ने बचाव अभियान शुरू कर दिया और बुधवार शाम पांच बजे तक कुल 310 लोग दरिया के सैलाब से बाहर निकाले जा चुके थे। उफनाई दरिया ने नौगढ़-बढऩी मार्ग को अवरुद्ध कर दिया। दोपहर तक बानगंगा नरम हुई तो बूढ़ी राप्ती, कूड़ा व घोघी ने करीब सौ गांव को आगोश में ले लिया। जिससे नौगढ़ से सीधे बस्ती जनपद को जोडऩे वाले ककरही पुल को भारी वाहनों के लिए बंद कर दिया गया। प्रशासन की फिलवक्त की चिंता 1.64 लाख क्यूसेक पानी बना हुआ है। क्योंकि प्रशासनिक आंकलन के अनुसार यह पानी इटवा, डुमरियागंज सहित बांसी तहसील के करीब 84 गांव को मैरुंड कर देगा। पुलिस अधीक्षक महेन्द्र यादव ने कानपुर पीएसी से तीन प्लाटून फ्लड पुलिस मंगवा ली है।

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गोरखपुर एवं महराजगंज के सौ से अधिक गांव चारों ओर से बाढ़ से घिर गए हैं। सैकड़ों परिवार ने सुरक्षित स्थानों पर शरण ले ली है। बस्ती के हरैया क्षेत्र में भी बाढ़ से कई गांव घिर गए हैं। यही हाल संतकबीर नगर, देवरिया और कुशीनगर की है। राप्ती, घाघरा, नारायणी समेत अन्य तमाम छोटी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
नेपाल का पानी बहराइच में कहर बरपा रहा है। घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नेपाल से आए सैलाब से कई गांव पानी से घिर गए हैं। पानी छोड़े जाने से कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग परिक्षेत्र में पडऩे वाले गांव जलमग्न हैं। वन्यजीव आबादी की ओर बढ़ रहे हैं। बलरामपुर में राप्ती नदी समेत पहाड़ी नालों में जबरदस्त उफान है। राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। तटवर्ती कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। ललिया-महराजगंज तराई मार्ग पर लैबुडडी डिप पर पहाड़ी नाले के पानी का बहाव जारी है। खरझार नाले में भी उफान होने से यातायात दो दिन से ठप है। गौरा चौराहा- तुलसीपुर मार्ग पर दतरंगवा डिप पर भी आवागमन दूसरे दिन बाधित है।
श्रावस्ती में राप्ती नदी कहर बरपा रही है। बाढ़ के पानी से 50 गांव व लगभग 10 हजार हेक्टेयर फसल जलमग्न हो गई है। जिले के कई संपर्क मार्गों पर आवागमन बंद हो गया है। सीतापुर में शारदा-घाघरा नदियों के जल स्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। घाघरा की कटान से 12 लोगों के घर कटकर नदी में समा गए हैं। फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। कानपुर व उन्नाव के शुक्लागंज क्षेत्र के निचले इलाकों में गंगा का पानी बढ़ रहा हैै। हरदोई तथा कन्नौज में भी गंगा का पानी फिर बढऩे लगा है। फतेहपुर में गंगा नदी का पानी खतरे के निशान पर पहुंच गया है।

बरेली में लगातार बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। पीलीभीत के पूरनपुर ट्रांस क्षेत्र में शारदा नदी कटान करते हुए भुजिया गांव के मुहाने तक पहुंच गई है। हजारा क्षेत्र में भी कटान तेजी से हो रहा है। इसी क्षेत्र के गांव बेल्हा में बारिश व बाढ़ का पानी भर गया है। शहर के निकट बह रही खकरा नदी भी उफान पर आ गई है। शाहजहांपुर में नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। रामपुर में कोसी नदी में जलस्तर घट गया है, लेकिन नदी कटान कर रही है।
भारी वर्षा से सहारनपुर में यमुना नदी में बाढ़ आ गई है। बेहट व हरियाणा के दो दर्जन लोग टापू पर फंस गए हैं। सिंचाई विभाग के सूत्रों की मानें तो यह बढ़ा पानी 29 जुलाई की रात्रि में सहारनपुर के गंगोह व दिल्ली में तबाही मचा सकता है। दिल्ली सरकार को अलर्ट जारी कर दिया गया है। बिजनौर जिले में नदियों का जलस्तर एकाएक बढ़ गया।


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