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यूपी विधानमंडल सत्र : दूसरे दिन भी जोरदार हंगामा, आधा घंटा के लिए टली कार्यवाहीं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल में कल से शुरू हुआ बजट सत्र का आज दूसरा दिन भी हंगामा, प्रदर्शन

By Edited By: Published: Fri, 20 Jun 2014 11:46 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jun 2014 11:46 AM (IST)

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल में कल से शुरू हुआ बजट सत्र का आज दूसरा दिन भी हंगामा, प्रदर्शन, घेराव और नारेबाजी में घिर गया है। आज भी भाजपा तथा बसपा के सदस्यों का कानून-व्यवस्था तथा अन्य मामलों पर हंगामा जारी है। आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रदेश का बजट पेश करना है। आज भी सत्र को फिलहाल आधा घंटा तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

विपक्षी दल कल से सरकार को सूबे की कानून व्यवस्था समेत कई अन्य मुद्दों पर घेर रहे हैं। सत्र के कार्यक्रम के अनुसार आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश का बजट पेश करेंगे।

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बड़े बजट से बड़ा दाव

आकड़ों की बिसात पर विधानसभा में आज पेश होने वाला बजट प्रदेश का सबसे बड़ा बजट होगा। रवायत के मुताबिक भी उसे बड़ा होना था लेकिन जिलों को अब तक सीधे भेजी जाने वाली केंद्रीय योजनाओं की धनराशि को भी बजट में शामिल किये जाने से इसका आकार और बढ़ जाएगा। बीते बजट के मुकाबले 2014-15 का बजट डेढ़ गुना और आकार लगभग सवा तीन लाख करोड़ रुपये होगा। वहीं अपनी बहुप्रचारित लैपटाप योजना के लिए अखिलेश सरकार की ओर से बजट में बीते वर्ष के मुकाबले कम धनराशि आवंटित किए जाने की संभावना है। चुनाव में हुई किरकिरी से सरकार को यह कड़वा सबक मिला है कि जनता लोकलुभावन योजनाओं के जरिये मिलने वाली सरकरी इमदाद से 'यादा सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की ख्वाहिशमंद हैं। हालाकि अपनी योजनाओं से बेदर्दी से हाथ खींच पाना भी सरकार के लिए मुमकिन न होगा। यही वजह है कि इंटरमीडिएट उत्तीर्ण छात्रों को मुफ्त में लैपटाप की योजना के लिए बजट में आवंटित की जाने वाली धनराशि में कटौती किए जाने के आसार हैं।

गौरतलब है कि सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों के खर्च का बंदोबस्त करने को फरवरी में लेखानुदान पारित कराया था। पूरा बजट पारित कराने की बजाय लेखानुदान लाने के सरकार के फैसले पर उस वक्त सवाल उठे थे। देखना होगा कि चुनावी बेला में पूर्ण बजट के जरिये पूरे पत्ते खोलने से बचते हुए सरकार ने 'रुको, देखो व समझो' की जिस नीति पर अमल किया, अब वह नये बजट में क्या शक्ल अख्तियार करती है।

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कल भी हुआ था जोरदार हंगामा

कल जोरदार हंगामे के कारण विधान सभा और विधान परिषद में कार्यवाही की रस्म अदायगी भर हुई। प्रश्नकाल नहीं हो सका और 40 मिनट की कार्यवाही के बाद सदन को स्थगित करना पड़ा। विधान सभा अध्यक्ष को प्रवेश से रोकने पर भाजपाइयों से सुरक्षाकर्मियों ने धक्का-मुक्की की। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने में बढ़त लेने की प्रमुख विपक्षी दलों में होड़ मची रही। भाजपाई दल के उपनेता सतीश महाना और प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी के नेतृत्व में गैलरी में 11 बजे से पूर्व मुख्य द्वार पर विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को रोकने के लिए धरना देकर बैठ गए। उनका कहना था कि कानून व्यवस्था पर नियम-311 के तहत कार्रवाई रोक चर्चा हो। विधानसभा अध्यक्ष साइड के गेट से सदन में प्रवेश कर गए। उन्होंने भाजपाइयों के व्यवहार को अलोकतांत्रिक बताया।

सदन के भीतर जैसे ही वंदेमातरम खत्म हुआ, समूचा विपक्ष नारेबाजी करता हाथ में सरकार विरोधी स्लोगन लिखे बैनर लेकर वेल में पहुंच गया। बसपा सदस्य नारे लिखी नीली टोपी लगाए थे। जिन पर लिखा था, 'अखिलेश तेरे जमाने में इ'जत लुटती थाने में', 'लटकी लाशें डाल पे, अखिलेश तेरे राज में, 'यूपी बन गया दुष्कर्म प्रदेश जिसके सीएम हैं अखिलेश। वहीं भाजपा सदस्य गले में केसरिया वस्त्र डाले हुए अध्यक्ष के आसन के सामने आ नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस के प्रदीप माथुर, बंशी पहाडिया व अन्य सदस्य भी बैनर ले कर आए थे। रालोद के वीरपाल राठी, सुदेश शर्मा और भगवती प्रसाद आदि गन्ना मूल्य भुगतान बिजली संकट जैसी समस्या लेकर वेल में पहुंचे और गैलरी में धरना दिया।

बजट को अंतिम रूप देकर सदन में पहुंचे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में विपक्षी सदस्य सरकार को बर्खास्त करने की नारेबाजी करते रहे। हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री आजम खान ने अध्यक्ष से कार्यवाही चालू रखने का आग्रह किया लेकिन आधा घंटा हंगामे के बाद प्रश्न काल स्थगित कर दिया गया। इसके बाद दोपहर 12.20 बजे सदन की कार्यवाही फिर आरंभ हुई परन्तु भाजपा का हंगामा जारी रहा। बसपा और कांग्रेस के सदस्य अपनी सीटों पर आ गए। शोरगुल के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही शुरू कर दी और तीन अध्यादेश सदन के पटल पर रखे गए। बाजी हाथ से निकलता देखकर भाजपा सदस्य अध्यक्ष के आसन की ओर लपके। कृष्णा पासवान, उपेंद्र तिवारी, राधामोहन अग्रवाल, विमला सोलंकी, लोकेन्द्र सिंह व सुरेश राणा की मार्शल से धक्कामुक्की भी हुई। इस संसदीय कार्यमंत्री आजम खान की आवाज गूंजी की कि यही वे लोग हैं जिनके कारण देश और प्रदेश का माहौल खराब हुआ।

उधर नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्य ने संबोधन शुरू किया तो भाजपाइयों ने 'सपा-बसपा-कांग्रेस आई चोर चोर मौसरे भाई' के नारे लगाने शुरू किए। इससे बसपा व भाजपा सदस्यों के बीच टकराव की नौबत आयी परन्तु संसदीय कार्यमंत्री की बसपा विरोधी टिप्पणियों ने माहौल को बदल दिया। बसपा ने सरकार को जनविरोधी करार देते हुए सदन से बहिर्गमन किया।


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