मंदिर में अता हुई नमाज, ईद पर दिखी गंगा-जमुनी तहजीब
आस्था के साथ ही विश्वास हो तो धर्म स्थल कोई भी हो लोग ऊपर वाले को याद कर ही लेते हैं। लखनऊ के ईदगाह में आज ईद की नमाज के दौरान कुछ ऐसा ही देखने को मिला। जहां एक मंदिर में कुछ लोगो ने नमाज अदा की।
लखनऊ। ईद की नमाज के वक्त इबादत के लिए हाथ उठे तो भगवान शिव के सामने। मंदिर में सिजदा में सिर भी झुके और अमन व चैन की दुआएं मांगी गईं। यह धर्म के प्रति सच्ची निष्ठा ही थी जिसने मंदिर और मस्जिद में कोई भेद नहीं कराया। पूरी शिद्दत के साथ ईद की नमाज लोगों ने एक साथ अता की, जिसने भी इस गंगा जमुनी तहजीब का नजारा देखा बस देखता ही रह गया।
ईद के मौके पर यह नायाब नजारा शहर के ईदगाह ऐशबाग के ठीक सामने देखने को मिला। ईदगाह में ईद उल फित्र की नमाज अदा करने के लिए पहले ही सैलाब उमड़ पड़ा था। आसपास जगह न मिलने पर नमाजियों ने शिव मंदिर में अपनी इबादत को पूरा किया। मंदिर के आसपास रहने वाले लोगों ने साफ सफाई की और फिर नमाजियों ने मंदिर के पास अपने साथ लाई चादर को बिछाकर अजान शुरू होते ही नमाज पूरी की। मंदिर के सामने ही नमाजियों ने हिंदुओं के साथ गले मिलकर एक दूसरे को बधाईयां दी। सिवई खाने का न्यौता दिया और फिर एक दूसरे की सलामती की दुआएं मांगने के बाद अपने घरों की ओर चल दिए। ऐशबाग के रहने वाले मोहम्मद एबाद ने कहा कि कुरान में लिखा है कि धर्म एक ही है और वह इंसानियत का है। क्या फर्क पड़ता है यदि हिंदू मस्जिद में और मुसलमान मंदिर में अपनी इबादत करे। बस इतना जरूर याद रखे कि वह अपने मालिक को दिल से याद करे। तब ही नमाज और प्रार्थना कबूल होती है। मंदिर परिसर में रहने वाले संतोष मिश्र ने बताया कि वह हर साल मंदिर परिसर को नमाजियों के लिए साफ कर देते हैं, जिससे वह एक साथ बैठकर ऊपर वाले को याद कर सकें। इबादत का स्वरूप मंदिर और मस्जिद के रूप में अलग जरूर है लेकिन उनकी निष्ठा एक ही होती है।
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