मुलायम को नहीं घुसने देंगे
लखनऊ। लोकसभा चुनाव की बेला पर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का यहां के मुसलमानों को रिझाने क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव की बेला पर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का अलीगढ़ के मुसलमानों को रिझाने का दांव उल्टा पड़ता दिख रहा है। कुछ एएमयू छात्रों ने 24 फरवरी को उनका कार्यक्रम रखा है तो एएमयू टीचर्स एसोसिएशन (अमुटा) और छात्रों के दूसरे गुट ने मुलायम के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का एलान कर दिया है। बकौल अमुटा, मुजफ्फरनगर दंगों के जख्म ताजा हैं। इसमें सपा की भूमिका अत्यंत शर्मनाक रही है। प्रदेश सरकार न सिर्फ दंगे रोकने में नाकाम रही, बल्कि दंगा पीड़ितों के पुनर्वास व सुरक्षा में भी पूरी तरह विफल रही है।' विरोधी छात्रों ने भी दंगा पीड़ितों को अभी तक इंसाफ नहीं मिल पाने के पीछे मुलायम की अक्षमता को जिम्मेदार बताया। कहा कि मुलायम को कैंपस में नहीं घुसने देंगे। फिर भी आए तो एएमयू के मुख्य द्वार पर ताला जड़कर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
शनिवार को छात्रों ने कैंपस में 'प्रोटेस्ट मार्च' निकालकर मुलायम विरोधी नारे भी लगाए।
एएमयू के केनेडी हॉल में सर सैयद मूवमेंट फोरम ने सपा सुप्रीमो को मुख्य अतिथि के बतौर आमंत्रित किया है। बहाना एएमयू के अल्पसंख्यक स्वरूप की बहाली को समर्थन जुटाना है। दो दिन पहले ही इस कार्यक्रम का एलान फकरुद्दीन कमेटी के चेयरमैन खालिद मसूद ने किया। सपा सरकार ने 14 फरवरी को ही एएमयू के पूर्व छात्र खालिद मसूद को यह पद नवाजा था। जैसे ही कार्यक्रम का एलान हुआ, विरोध भी शुरू हो गया।
शुक्रवार को छात्रों के कई गुटों ने विरोध की बात खारिज कर दी। पर, शनिवार दोपहर छात्रों के दूसरे गुट ने मौलाना आजाद लाइब्रेरी के पास से बॉबे सैयद गेट तक विरोध में मार्च निकाला। छात्रों ने 'मुलायम सिंह वापस जाओ, मजलूमों की लाश पर नहीं चलेगी नेतागीरी, मुलायम का जो यार है वो गद्दार है जैसे नारे भी लगाए। छात्रों ने रजिस्ट्रार को संबोधित ज्ञापन प्रॉक्टर डॉ. जमशेद सिद्दीकी को दिया।
छात्र नेता फवाज शाहीन ने कहा कि चार महीने पहले हुए मुजफ्फरनगर दंगे के पीड़ित इंसाफ के लिए भटक रहे हैं। ऐसे में मुलायम को चुनावी लाभ के लिए यहां नहीं आने देंगे। आए तो मुख्य गेट पर ताला डाल देंगे। धरना-प्रदर्शन करेंगे।
विरोध पर मिली धमकी
मुलायम का विरोध करने वाले छात्रों ने धमकी मिलने का आरोप भी लगाया है। कहा, शुक्रवार से ही उन्हें चेताया जा रहा है कि विरोध किया तो पुलिस से उठवा देंगे। शनिवार को मार्च निकालने से पहले भी छात्र जब जूस कार्नर के पास एकजुट हो रहे थे, तब भी कुछ युवक वहां आए और प्रोटेस्ट मार्च में शामिल न होने को कहा।