मथुरा का खलनायक रामवृक्ष यादव कुशीनगर से लड़ा था लोकसभा चुनाव
मथुरा के जवाहरबाग में सत्याग्रह के नाम पर दहशतगर्दी का पर्याय बना रामवृक्ष यादव इससे पहले सियासत में दांव आजमा चुका था। वह लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी लड़ा था।
लखनऊ (जेएनएन)। मथुरा के जवाहरबाग में सत्याग्रह के नाम पर दहशतगर्दी का पर्याय बना रामवृक्ष यादव इससे पहले सियासत में दांव आजमा चुका था। वह लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी लड़ा था।
रामवृक्ष यादव 2009 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कुशीनगर से मैदान में उतरा था। उस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी आरपीएन सिंह विजयी हुए थे, जबकि बसपा के स्वामी प्रसाद मौर्य दूसरे स्थान पर आए थे। रामवृक्ष को 5855 वोट मिले थे, लेकिन अपनी आक्रामक प्रचार शैली के कारण उसने चर्चा बटोरी थी। उसके खिलाफ पडरौना कोतवाली में आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा भी दर्ज किया गया था।
तस्वीरें: युपी पुलिस का दावा, मारा गया मथुरा का खलनायक रामवृक्ष यादव
कुशीनगर से रामवृक्ष का जुड़ाव भगवान बुद्ध की धरती होने के कारण था। वह जयगुरुदेव की मंडली में कई बार कुशीनगर गया था। 2009 में वह चुनाव लडऩे के लिए ट्रक में सवार होकर अपने पांच साथियों के साथ कुशीनगर आया था। ट्रक में ही उसकी चारपाई रखी थी तथा खाने-पीने का सामान भी था। कुशीनगर के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचार के लिए वह ट्रक से ही जाता था। हालांकि हार के बावजूद भी कई अन्य निर्दलीय प्रत्याशियों की तुलना में उसे अधिक वोट मिले थे। चुनाव लडऩे के लिए उसने कुशीनगर को ही क्यों चुना, इसे लेकर अलग-अलग दावे हैं।
कोतवाल से हुई थी रामवृक्ष की झड़प
गाजीपुर के रायपुर बाघपुर निवासी रामवृक्ष यादव चुनावी समर में उस समय विशेष रूप से चर्चा में आया था जब उसने आचार संहिता उल्लंघन के लिए टोके जाने पर पुलिस इंस्पेक्टर काजी मोहम्मद से विवाद कर लिया था। विवाद के बाद उसके खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा कायम किया गया।