Move to Jagran APP

खाद्य सुरक्षा मानक: इतने छेद कि छलनी को भी शर्म आ जाये

सूबे की राजधानी लखनऊ में बन रही एक आइसक्रीम के डिब्बों पर खाद्य सुरक्षा-औषधि प्राधिकरण द्वारा जारी एफएसएसएआइ (खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) कोड छप रहा है, लेकिन आइसक्रीम की जांच कब हुई और प्रमाणन कैसे मिला, इसकी जानकारी मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी को नहीं है। कई पान मसाला-तंबाकू को

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2015 01:15 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2015 01:23 PM (IST)

लखनऊ (संजय शुक्ल)। सूबे की राजधानी लखनऊ में बन रही एक आइसक्रीम के डिब्बों पर खाद्य सुरक्षा-औषधि प्राधिकरण द्वारा जारी एफएसएसएआइ (खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) कोड छप रहा है, लेकिन आइसक्रीम की जांच कब हुई और प्रमाणन कैसे मिला, इसकी जानकारी मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी को नहीं है। कई पान मसाला-तंबाकू को भी खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन ने लाइसेंस जारी कर रखा है। इसमें एक के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। लाइसेंस जारी करने से पहले जांच कब और क्या हुई, इसे विभाग के अधिकारी भूल चुके हैं। इतना जरूर है कि इनमें कोई गड़बड़ी मिलती है तो कारोबारी से पहले विभाग उसे नकली साबित करने में जुट जाता है।

loksabha election banner

खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 का पालन किस तरह से हो रहा है, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण बड़ी कंपनियों के तमाम खाद्य उत्पादों का विवरण है। कई उत्पाद ऐसे है जिन पर सिर्फ मार्केटिंग एंड पैकेजिंग का उल्लेख किया जाता है। उत्पाद निर्मित कहां हो रहा है, इसकी कोई जानकारी उत्पाद पर नहीं मिल रही है, बावजूद इसके धड़ल्ले से उनका विज्ञापन हो रहा है और बाजारों में बिक्री जा रही है।

नहीं है ठोस कानून

फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथारिटी ऑफ इंडिया की निदेशक विनोद कोतवाल ने एक आरटीआइ के जवाब में कहा था कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक संगठन ने फिलवक्त कोई ठोस कानून नहीं बनाया है। उन्होंने यह बात आरटीआइ कार्यकर्ता अशोक भार्गव के राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र के जवाब में दिसंबर 2013 में कही थी। बावजूद इसके तमाम बड़ी कंपनियों को प्रभाव व पहुंच के बूते एफएसएसएआइ कोड आवंटित किए जा रहे हैं। सवाल यह है, बिना कानून लाइसेंस कैसे दिए जा रहे हैं और लाइसेंस देने के बाद कब कब जांच कराई जाती है।

काजल की कोठरी

खाद्य सुरक्षा विभाग में गुणवत्ता सुनिश्चित कराने के बजाय अपनी जेब भरने का काम ज्यादा हो रहा है। यहां तक ब्लेंडिंग से तैयार होने वाले खाद्य तेलों तक को लाइसेंस जारी कर दिया गया, जबकि नियमानुसार ब्लेंडिंग (दो खाद्य तेलों के मिश्रण) में एक का उत्पादक होना लाइसेंसी के लिए होना जरूरी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.