दारुल उलूम का फतवा : सगाई के बाद भी फेसबुक से संपर्क में रहना नाजायज
लखनऊ। विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम से जारी एक ताजा फतवे में सगाई के बाद भ
लखनऊ। विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम से जारी एक ताजा फतवे में सगाई के बाद भी लड़के व लड़की का फोन और फेसबुक आदि के माध्यम से बातचीत करने और संपर्क में रहने को नाजायज करार दिया गया है। फतवे में कहा गया है कि मंगनी के बाद भी लड़का और लड़की एक-दूसरे के लिए अजनबी होते हैं।
दारुल उलूम के ऑनलाइन फतवा विभाग पर पाकिस्तान से एक व्यक्ति ने फतवा मांगा है कि मंगनी के बाद लड़के और लड़की के ताल्लुकात के बारे में जानना चाहता हूं। अगर सगाई के बाद लड़का और लड़की फोन या सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे कि फेसबुक के माध्यम से एक-दूसरे के राबते (संपर्क) में रहे तो क्या यह जायज है।
जवाब में दारुल उलूम के मुफ्तियाने किराम ने शरीयत की रोशनी में जवाब दिया है कि मंगनी की शरई हैसियत सिर्फ वायदा-ए-निकाह है। बाकायदा वो निकाह नहीं है। इसलिए मंगनी के बाद भी लड़का और लड़की दोनों एक-दूसरे के लिए अजनबी ही बरकरार रहते हैं। जिस तरह मंगनी से पहले दोनों के लिए एक-दूसरे से बिना खास जरूरत बातचीत करना और मिलना-जुलना नाजायज है, उसी तरह मंगनी के बाद भी नाजायज है। फोन के जरिये हो या फिर फेसबुक आदि पर राबता करना जायज नहीं है।
निकाह मुकम्मल हो जाने के बाद दोनों एक-दूसरे के लिए हलाल हो जाते हैं और हर तरह की गुफ्तगू जायज हो जाती है। उधर, फतवे के संबंध में दारुल उलूम वक्फ के मुफ्ती आरिफ कासमी का कहना है कि इस्लाम में मंगनी कोई रिश्ता नहीं है और न ही इसकी कोई शरई हैसियत है। निकाह से पहले लड़के-लड़की का इस तरह का ताल्लुक गुनाह है। जब तक निकाह न हो जाए इस तरह का ताल्लुक बनाना नाजायज है।
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