गायत्री प्रजापति के बेटे और भतीजे समेत तीन हिरासत में, पूछताछ जारी
गायत्री प्रजापति पर एक महिला से गैंगरेप और उसकी बेटी से यौन शोषण का आरोप है। वे उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में अमेठी सीट से हार गए हैं।
लखनऊ (जेएऩएन)। सपा मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके छह साथियों के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने अपर नगर मजिस्ट्रेट (एसीएम) के पुत्र विकास वर्मा समेत तीन को मंगलवार सुबह हजरतगंज से गिरफ्तार कर लिया। उधर, फरार चल रहे मुख्य आरोपी गायत्री प्रजापति की सुरागरसी के लिए गौतमपल्ली पुलिस ने उनके बेटे और भतीजे को अमेठी से पूछताछ के लिए उठाया है।
एसएसपी मंजिल सैनी के मुताबिक गिरफ्तार लोगों में आशीष वर्मा, अमरेंद्र उर्फ पिंटू और रूपेश्वर हैं। आशीष वर्मा लखनऊ में तैनात एसीएम पंचम टीपी वर्मा का बेटा है। उन्होंने बताया कि गौतमपल्ली पुलिस ने मंगलवार तड़के अमेठी के आवास विकास स्थित गायत्री के मकान में दबिश दी। गायत्री के न मिलने पर पुलिस उनके छोटे बेटे अनुराग प्रजापति और भतीजे सुरेंद्र प्रजापति को पूछताछ के लिए ले आई है। एसएसपी ने बताया कि इस मामले में तीन आरोपियों गनर चंद्रपाल, लेखपाल अशोक तिवारी और आशीष को पूर्व में ही गिरफ्तार किया जा चुका है। मुख्य आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें दबिश दे रही हैं। जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी।
ध्यान रहे, चित्रकूट की एक महिला ने 18 फरवरी को गौतमपल्ली थाने में गायत्री समेत उनके सात साथियों के खिलाफ दुष्कर्म, दुष्कर्म के प्रयास, पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
तीनों ने आरोपों को बताया निराधार
गिरफ्तार तीनों आरोपियों ने गायत्री समेत सातों साथियों पर लगे दुष्कर्म के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि राजनैतिक साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने के लिए फंसाया जा रहा है। हालांकि तीनों के बयान दर्ज कराकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
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जा रहे थे समर्पण करने
गिरफ्तार आरोपी विकास वर्मा ने बताया कि वह मंदिर में दर्शन करने के बाद न्यायालय में समर्पण करने जा रहे थे। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि कोर्ट बंद है। इस बीच पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। तीनों ने आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति के बारे में जानकारी से अनभिज्ञता जताई है। वहीं दूसरी ओर गायत्री के बेटे अनुराग ने बताया कि 27 फरवरी की शाम से पिता घर नहीं आए। न ही उसकी कोई फोन पर बात हुई। अनुराग ने बताया कि वह लखनऊ विश्वविद्यालय से बीए तृतीय वर्ष का छात्र है। उसका बड़ा भाई अनिल एलएलबी का छात्र है।
मुकदमा दर्ज होने के बाद से तीनों लखनऊ में ही थे
मुकदमा दर्ज होने के 24 दिन बाद राजधानी पुलिस जिन तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपा रही है वह तीनों आरोपी 18 फरवरी से राजधानी में ही थे पर पुलिस उन्हें खोज नहीं पाई थी। विकास वर्मा ने बताया कि वह तीनों साथियों के साथ राजधानी में रहकर खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए साक्ष्य संकलन कर रहा था।
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विधायक बनने से पहले पिता ने कंपनी से दे दिया था इस्तीफा
आय से अधिक संपत्ति के मामले में गायत्री के बेटे ने बताया कि यह आरोप निराधार है। पहले भी इसकी पड़ताल हो चुकी है। अनुराग के मुताबिक 2012 में विधायक बनने से पहले उसके पिता प्रापर्टी का काम करते थे। उनकी एमजीए कॉलोनाइजर के नाम से कंपनी है। कंपनी में करीब 13-14 कर्मचारी हैं। विधायक बनने के बाद पिता ने कंपनी के पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से वह कंपनी संभाल रहा है।