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श्रवण हत्याकांड में सीबीआइ जांच की संस्तुति, केंद्र को भेजा प्रोफार्मा

बहुचर्चित श्रवण साहू हत्याकांड की सीबीआइ जांच के लिए राज्य ने केंद्र से सिफारिश की है। गृह विभाग ने केंद्रीय मंत्रालय को इसका प्रोफार्मा भेजा है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Mon, 20 Feb 2017 11:27 PM (IST)Updated: Mon, 20 Feb 2017 11:36 PM (IST)
श्रवण हत्याकांड में सीबीआइ जांच की संस्तुति, केंद्र को भेजा प्रोफार्मा

लखनऊ (जेएनएन)। बहुचर्चित श्रवण साहू हत्याकांड की सीबीआइ जांच के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से सिफारिश की है। गृह विभाग ने सोमवार को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को इसका प्रोफार्मा भेज दिया है। शासन ने इस मामले में अब तक हुई पुलिस की कार्रवाई का ब्योरा भी भेजा है। राज्य सरकार की ओर से सीबीआइ जांच की संस्तुति के बाद श्रवण के परिवारीजन ने राहत की सांस ली और कहा कि सीबीआइ से ही उन्हें न्याय की आस है।

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उल्लेखनीय है कि बेटे आयुष के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे श्रवण साहू की हत्या कर दी गई थी। बेटे के हत्यारे ने ही साजिश के तहत वारदात को अंजाम दिलाया था। इससे पूर्व आरोपी अकील ने पुलिसकर्मियों से मिलकर श्रवण को फर्जी मामले में जेल भिजवाने की साजिश भी रची थी। इस प्रकरण में तीन पुलिसकर्मी बर्खास्त व 11 निलंबित व लाइन हाजिर हुए थे। सोमवार को परिवारीजन सीबीआइ जांच की संस्तुति होने की खबर सुनकर संतुष्ट नजर आए। श्रवण के साले अमृत लाल ने प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह निर्णय लेकर पीडि़त परिवार के मन में न्याय की उम्मीद जगाई है। हालांकि मीडिया के सहयोग के बिना यह मुमकिन नहीं था। वहीं श्रवण के बेटे सुनीत ने प्रदेश सरकार का आभार जताया। कहा कि अब उम्मीद है कि पिता व भाई को इंसाफ मिलेगा। श्रवण की पत्नी निर्मला व बेटी स्वाति ने हत्यारोपियों को फांसी दिलाए जाने की मांग की। श्रवण के परिवारीजन ने न्याय की लड़ाई में पूरा सहयोग करने के लिए दैनिक जागरण को शुक्रिया कहा।

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कब क्या हुआ

  • 16 अक्टूबर 2013 को श्रवण के बेटे आयुष की अकील ने साथी संग मिलकर हत्या की थी।
  • 19 अक्टूबर 2013 को पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से आरोपी आम्र्स एक्ट में गिरफ्तार।
  • 27 दिसंबर 2013 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल।
  • 28 फरवरी 2016 को अकील से सुपारी लेकर श्रवण की हत्या करने जा रहे छह लोग गिरफ्तार।
  • 10 जनवरी 2017 को पारा पुलिस व क्राइम ब्रांच ने अकील से मिलकर साजिश रची।
  • चार निर्दोष जेल भेजे गए। श्रवण पर अकील की हत्या के लिए 20 लाख की सुपारी देने का आरोप लगा।
  • 12 जनवरी को एसएसपी ने श्रवण के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया।
  • 14 जनवरी को डीआइजी ने मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए।
  • फर्जी गुडवर्क करने वाले तीन पुलिसकर्मी लाइन हाजिर।
  • 15 जनवरी को एएसपी पूर्वी शिवराम यादव को जांच सौंपी गई।
  • 19 जनवरी को फर्जी गुडवर्क में दोषी 14 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट, तीन पुलिसकर्मी बर्खास्त।
  • 27 जनवरी को अकील ने एक अन्य मामले में न्यायालय में आत्मसमर्पण किया।
  • एक फरवरी 2017 को अकील ने शूटर भेजकर श्रवण की हत्या करा दी।
  • 10 फरवरी को दोनों शूटर व उनका एक मददगार गिरफ्तार।
  • एसएसपी ने डीआइजी को सीबीआइ जांच की फाइल भेजी।
  • 16 जनवरी को डीजीपी ने शासन को प्रोफार्मा आगे बढ़ाया।

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