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मुलायम, मुसलमान, मौलाना, मदरसा और मुदारिस के दुश्मन हैं आजम

देवरिया विधायक शाकिर अली ने सपा नेतृत्व और आजम खां पर हमला बोला और उन्हें पांच एम अर्थात मुलायम, मुसलमान, मौलाना, मदरसा और मदारिस (शिक्षक) का दुश्मन बताया।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2016 09:58 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2016 04:47 PM (IST)
मुलायम, मुसलमान, मौलाना, मदरसा और मुदारिस के दुश्मन हैं आजम

लखनऊ (जेएनएन)। अखिलेश मंत्रीमंडल के लगभग अंतिम विस्तार में भी स्थान न मिलने से नाराज देवरिया के विधायक शाकिर अली ने सपा नेतृत्व एवं कैबिनेट मंत्री आजम खां पर हमला बोला है। उन्होंने आजम खां को पांच एम अर्थात मुलायम, मुसलमान, मौलाना, मदरसा और मदारिस (शिक्षक) का दुश्मन बताते हुए कहा कि उनके रहते सपा का भला नहीं हो सकता। सपा को मुसलमानों का वोट लेना है तो आजम को अपने मंच से नीचे उतारना होगा।

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देवरिया जिले की पथरदेवा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक शाकिर अली पहले भी अपने बयानों को लेकर नेतृत्व की नाराजगी मोल ले चुके हैं। विधायक चुने जाने के बाद देवरिया रेलवे स्टेशन पर घोड़ा दौड़ाकर आलोचना और मुकदमा झेल चुके शाकिर अली अब आरपार के मूड में दिखते हैं। मंत्री न बनाए जाने का उन्हें इस कदर मलाल है कि वह शीर्ष नेतृत्व से ही दो-दो हाथ करना चाहते हैं।

मायावती एवं मुलायम की सरकारों में शिक्षामंत्री रह चुके शाकिर अली सोमवार को दूरभाष पर दैनिक जागरण से बातचीत में आजम पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि 'आजम खां जब सपा से निकाले गए थे तो बयान दिया था कि मुलायम को वह 30 साल से जानते हैं। उनकी धोती के नीचे हाफ पैंट (आरएसएस) है। वह हरी घास में छिपे सांप हैं।जो व्यक्ति मुलायम सिंह के बारे में ऐसा कह सकता है वह उनका हितैषी कैसे हो सकता। शाकिर ने कहा कि मुसलमानों और सपा के बीच सबसे बड़े अवरोधक आजम खां ही हैं। वह सपा के तोगडिय़ा हैं। आजम के कारण मुसलमान सपा से दूर हो रहे हैं। यदि मुसलमानों को सपा के साथ बनाए रखना है तो आजम को सपा के मंच से उतारना होगा।

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सोमवार को मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायकों की उपयोगिता पर भी शाकिर ने सवाल उठाए। कहा कि जो लोग पार्टी से नाराज थे उन्हें कैसे मंत्री बना दिया गया। मैं जानता कि यदि नाराज होकर ही मुलायम सिंह का भरोसा जीता जा सकता है तो पहले ही नाराज हो गया होता। उन्होंने सवाल उठाया कि नारद राय कितने भूमिहारों का वोट दिला देंगे।

शारदा शुक्ल की ब्राह्मणों एवं रविदास मेहरोत्रा की बनिया वर्ग में कितनी पकड़ है। बलराम यादव की चार दिन पूर्व बर्खास्तगी और फिर उन्हें मंत्रीमंडल में लेने पर भी उन्होंने नेतृत्व को घेरा। कहा कि जिस व्यक्ति को चार दिन पूर्व पार्टी के प्रति वफादार न होने के आरोप में मंत्री पद से हटाया गया था, वह अचानक वफादार कैसे हो गया। उन्होंने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि मुलायम सिंह कहा करते थे कि वह भाजपा के फन को कुचल देंगे, लेकिन हमने तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को हराकर उनके फन को कुचला लेकिन उन्होंने मेरी पीठ तक नहीं थपथपाई।


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