पीड़िता के बालिग होने का साक्ष्य तलाशने में जुटे आसाराम के गुर्गे
लखनऊ। दुष्कर्म के आरोपी आसाराम की जमानत में बाधक पॉक्सो एक्ट से निजात के लिए शाहजहांपुर की
लखनऊ। दुष्कर्म के आरोपी आसाराम की जमानत में बाधक पॉक्सो एक्ट से निजात के लिए शाहजहांपुर की पीड़िता के बालिग होने के साक्ष्य जुटाने आए आसाराम के गुर्गो को खाली हाथ लौटना पड़ा। उल्लेखनीय है कि अपने गुरुकुल की नाबालिग छात्रा के यौन शोषण में फंसे आसाराम की जमानत पर 19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। उन पर पॉक्सो समेत डेढ़ दर्जन धाराएं लगाई गई हैं। पॉक्सो एक्ट की वजह से उनकी हाईकोर्ट तक जमानत याचिका खारिज हो चुकी है।
सूत्रों के अनुसार आसाराम के गुर्गे संजय कुमार, घनश्याम, तुलाराम तथा अर्जुन उर्फ पंकज कई दिन तक शहर में रहकर श्रीशंकर मुमुक्षु विद्यापीठ के कागजातों की तरह ही पीड़िता के बालिग होने के अन्य अभिलेख जुटाने का प्रयास करते रहे। उन्होंने नगर पालिका, तहसील, निर्वाचन कार्यालय, परिवहन कार्यालय, जिला अस्पताल से लेकर बीमा निगम कार्यालय तक की खाक छानी लेकिन सफलता नहीं मिली।
आसाराम ने पीड़िता के बालिग होने का दावा किया है। उन्होंने शाहजहांपुर स्थित श्री शंकर मुमुक्षु विद्यापीठ से निर्गत कुछ शैक्षिक कागजात भी लगाए हैं। नर्सरी, केजी के इन कागजातों के जरिये आसाराम ने पीड़िता को दुष्कर्म की घटना के दिन 18 साल की आयु पूरी होने का दावा किया है। जोधपुर पुलिस समेत अभियोजन अधिकारी ने पीड़िता के नाबालिग होने के प्रमाण बतौर आसाराम जी गुरुकुल छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश के कक्षा सात से 12 वीं तक के शैक्षिक प्रमाण पत्रों के साथ ही हरियाणा सोनीपत के खरखोटा स्थित प्रताप सिंह मेमोरियल पब्लिक स्कूल तथा यूपी के शाहजहापुर जनपद स्थित सरस्वती शिशु मंदिर की मार्कशीट, टीसी समेत डेढ़ दर्जन प्रमाण लगाए हैं। इनमें पीड़िता की जन्म तिथि चार जुलाई 1997 दर्ज है। राशन कार्ड, बीमा पॉलिसी में भी पीड़िता को नाबालिग दर्शाया गया है।