मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने दम पर ही चुनाव प्रचार करने को तैयार
समाजवादी परिवार में रार के बाद भी अखिलेश यादव के चेहरे पर शिकन नहीं है। वह साफ कहते हैं पार्टी के मुखिया नेताजी (मुलायम सिंह यादव) मेरे पिता और शिवपाल सिंह यादव जी मेरे चाचा हैं।
लखनऊ (वेब डेस्क)। उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रदेश की सत्ता पर फिर से काबिज होने का भरोसा है। वह अब बिना किसी इंतजार के अपने ही दम पर प्रदेश में अपना चुनाव प्रचार अभियान शुरू करने की तैयारी में हैं।
समाजवादी परिवार में लंबी रार के बाद भी युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चेहरे पर शिकन नहीं है। वह साफ कहते हैं कि पार्टी के मुखिया नेताजी (मुलायम सिंह यादव) मेरे पिता हैं और पार्टी को नेताजी के साथ इस मुकाम पर लाने वाले शिवपाल सिंह यादव जी मेरे चाचा है। मेरे लिए रिश्ते पहले हैं और बाकी चीजें बाद में हैं। उन्होंने कहा कि हमको भरोसा है कि प्रदेश में हमने जितना विकास का काम किया है, उसके दम पर हमको सत्ता में वापसी करने से कोई ताकत नहीं रोक सकती है।
अखिलेश यादव ने कहा कि वह अपने दम पर 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार शुरू करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग एक बार फिस से उनको सत्ता में वापस लाने को तैयार है। अब हमको एक बार फि जोरदार तथा बेहद असरदार ढंग से अपना प्रचार अभियान शुरू करना है। जिससे हमको सत्ता में वापस आने से कोई भी रोक न सके।
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युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव काम करने को बेहद उत्साहित रहते हैं। वह कार्यशैली में भी वन मैन आर्मी पर भी भरोसा करते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति हमको अपना कायल तो बना सकता है लेकिन हमको कोई भी पराजित नहीं कर सकता है। अखिलेश ने कहा कि पार्टी में मामलों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, वह अकेले दम पर 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार शुरू हो सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे अपने दम पर काम करने में बेहद आनंद आता है। उन्होंने कहा कि शायद किसी को भी पता नहीं होता, लेकिन बचपन में मैंने अपना नाम भी खुद ही रखा था। उसी तरह से ही मुझे लगता है कि मैं किसी का इंतजार किए बिना अपने दम पर मेरी चुनाव अभियान शुरू करना होगा।
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अखिलेश यादव ने बताया कि वह किसी भी ओपीलियन पोल तथा मीडिया रिपोर्ट से व्याकुल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पारिवारिक विवाद जैसा कुछ भी नहीं है, यह सब मीडिया की देन है। इतना सब मीडिया में आने के बाद भी अखिलेश को भरोसा है कि समाजवादी पार्टी प्रदेश की सत्ता में एक बार फिर से काबिज होगी। वह ही पार्टी का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं क्रिकेट का काफी शौकीन हूं, जब गेंद बल्ले में बेहतर ढंग से आने लगती है तो फिर रन बनते जाते हैं। मेरे भी बल्ले में लगातार अच्छी तरह से गेंद आ रही है और उत्तर प्रदेश विकास की राह पर है। काम ने गति पकड़ी है और अब दूसरे चरण की तैयारी हो रही है। मेरे कार्यकाल में प्रदेश में अभूतपूर्व विकास कार्य हुए हैं और सत्ता में एक बार फिर अपनी वापसी सुनिश्चित है।
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उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के भीतर पिछले एक माह से जो चल रहा था वह कुछ भी नहीं था। जो भी बातें मीडिया में आईं उससे मैं जरा सा भी व्यथित नहीं हूं। उन्होंने कहा कि लगता है यह सब भी मेरी एकाग्रता की परीक्षा लेने के लिए कराया गया था। जिन्होंने भी कराया वह शायद भूल रहे है कि मैं अपने ऊपर भरोसा करता हूं। यह भी सत्य है कि कुछ समय के लिए भले ही अखिलेश पर कब्जा किया जा सकता है, लेकिन मुझे पराजित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि राजनीति में मैं बहुत अनुभव वाला नहीं था, लेकिन आप देख सकते हो, जब अनुभवहीनता में मैंने इतना काम कर लिया है तो फिर साढ़े चार वर्ष के अनुभव के बाद अब आगे कितना काम होगा। जनता को मेरे ऊपर भरोसा है और मुझे प्रदेश की जनता पर भरोसा है कि वह मुझे एक बार फिर से सत्ता सौंपेगी।
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उन्होंने कहा कि मैंने संघर्ष करके यह मुकाम प्राप्त किया है। मैं 14 वर्ष तक छात्रावास में रहा हूं, सभी काम अपने आप करने होते हैं। छात्रावास जीवन ने मुझे सिखाया है कि संकट के समय कैसे उबरना चाहिए। डॉ. लोहिया के आदर्शों ने मुझे सिखाया है हिंसा के बिना संघर्ष करके मुकाम कैसे हासिल किया जाता है। अखिलेश ने लोहिया की विचारधारा को सही ठहराया और अपने संदेश प्रचारित और अभी भी उसी के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है था। उन्होंने कहा कि नेताजी ने भी डॉ. लोहिया के आदर्श को अपनाया और चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ मिलकर संघर्ष कर पार्टी को प्रदेश की बागडोर थमा दी। नेताजी के साथ चाचा भी लंबे समय तक संघर्ष करने के दौरान कई बार जेल भी गए। हम उनके ही आदर्श पर चलकर काम कर रहे हैं।