'डेट' के कारण अटकी छतरपुर-खजुराहो रेल लाइन
ललितपुर ब्यूरो : 'डेट' के चक्कर में छतरपुर लाइन का शुभारम्भ एक बार फिर अटक गया है। 15 जुलाई को छतरपु
ललितपुर ब्यूरो : 'डेट' के चक्कर में छतरपुर लाइन का शुभारम्भ एक बार फिर अटक गया है। 15 जुलाई को छतरपुर-खजुराहो लाइन पर ट्रेन दौड़ने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन एक बार फिर यह कार्यक्रम डिले हो गया। शुभारम्भ की अभी कोई तारीख तय नहीं है, लेकिन ट्रैक पूरी तरह से तैयार है। अब केवल मुख्यालय की हरी झण्डी का इन्तजार है। डेट आते ही ट्रैक पर ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
रेलमार्ग के अभाव में अभी तक बुन्देलखण्ड क्षेत्र के कई लोग आवागमन के लिए सड़क मार्ग पर निर्भर हैं। मध्य प्रदेश से जुड़े टीकमगढ़ से खजुराहो के मध्य आने वाले कस्बे भी इस समस्या से प्रभावित है। इन क्षेत्रों को रेल मार्ग से जोड़ने के लिए रेल प्रशासन निरन्तर प्रयासरत है। इसी पहल के तहत पिछले वर्ष ललितपुर से टीकमगढ़ के मध्य 52 किमी रेलवे ट्रैक तैयार कर पैसिंजर ट्रेन का संचालन शुरू हुआ था। इसके बाद इस ट्रैक को आगे बढ़ाते हुए खजुराहो तक तैयार किया गया। पिछले दिनों ट्रैक का कार्य भी पूरी तरह से तैयार कर लिया गया। टिकिट घर, पैनल रूम, पार्किग क्षेत्र, स्टाफ रूम, पानी, पंखा, बैठक व्यवस्था सहित अन्य सभी व्यवस्थाएं स्टेशन पर पूरी कर ली गयीं। यही नहीं, इस रूट का निरीक्षण कर रेलवे अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी। इसके बाद वहाँ से झाँसी से वाया ललितपुर-टीकमगढ़ तक आने वाली पैसिंजर ट्रेन को छतरपुर, खजुराहो तक शुरू करने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई। ट्रेन का संचालन डिसाइड होने के पश्चात यह 15 जुलाई तक पटरी पर दौड़ने लगेगी, यह उम्मीद जताई जा रही थी। लेकिन, यह कार्यक्रम डिले हो गया।
सूत्रों के मुताबिक रूट पूरी तरह से तैयार है, सिर्फ मुख्यालय के अधिकारियों की हरी झण्डी का इन्तजार है। वहाँ से मैसिज प्राप्त होते ही ट्रेन के संचालन की डेट फिक्स कर दी जाएगी और पटरी पर ट्रेन दौड़ने लगेगी। फिलहाल, अभी कोई डेट स्वीकृत नहीं है। ऐसे में उन लोगों में अधिक उत्सुकता है, जहाँ अभी तक ट्रेन का कोई स्टॉपेज नहीं है।
::
बॉक्स में -
समय तैयार, भेजा मुख्यालय
डिविजन लेबल पर इस रूट पर ट्रेन के संचालन का समय तैयार कर स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेज दिया है। वहाँ से स्वीकृति प्रदान होते ही इसे लागू कर दिया जाएगा और इसी अनुरूप ट्रेन को ट्रैक पर दौड़ाया जाएगा। इसके अलावा ट्रैक पर दो पैसिंजर ट्रेन चलाई जाएंगी। यह ट्रेन झाँसी से चलकर वापस झाँसी में ही अपना सफर खत्म करेगी। ट्रेन का पहला रूट झाँसी से शुरू होकर आगे हरपालपुर-महोबा-खजुराहो-छतरपुर-टीकमगढ़-ललितपुर होते हुए वापस झाँसी होगा। इसी प्रकार दूसरी ट्रेन भी झाँसी से चलेगी। यह झाँसी से ललितपुर होते हुए टीकमगढ़-छतरपुर-खजुराहो-महोबा-हरपालपुर होते हुए वापस झाँसी पहुचेगी। इनका टाइम टेबिल सहित रूट को अन्तिम रूप दिए जाने का काम किया जा रहा है।
::
बॉक्स में -
तैनात हुआ स्टाफ
अभी तक पैसिंजर ट्रेन का संचालन टीकमगढ़ तक हो रहा था। यहाँ स्टाफ की तैनाती पहले से ही थी। अब इसके आगे बनाए गए मबई, सरकनपुर, खरगापुर, टीला, रामपुर, ईशानगर, छतरपुर, बसारी, दुरियागंज व खजुराहो तक और स्टाफ की तैनाती कर दी गयी है। इसके अलावा पैनल रूम समेत टिकिट घर व अन्य यात्री सुविधाओं को पूर्ण कर लिया गया है। बात दूरी की हो तो यहाँ से टीकमगढ़ तक रेलवे दूरी 52 किमी है, जबकि टीकमगढ़ से खजुराहो की दूरी 90 किमी और छतरपुर से खजुराहो तक की दूरी 42 किमी है।