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इंदौर-पटना ट्रेन हादसाः अब तक 145 की मौत, उच्च स्तरीय जांच की घोषणा

कानपुर देहात जिले के पुखरायां स्टेशन पर इंदौर से पटना (राजेंद्रनगर) जा रही एक्सप्रेस ट्रेन भीषण हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे में 145 लोगों की मौत हो गई। करीब 300 लोग जख्मी हो गए।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 21 Nov 2016 10:51 AM (IST)Updated: Mon, 21 Nov 2016 08:31 PM (IST)
इंदौर-पटना ट्रेन हादसाः  अब तक 145 की मौत, उच्च स्तरीय जांच की घोषणा
इंदौर-पटना ट्रेन हादसाः अब तक 145 की मौत, उच्च स्तरीय जांच की घोषणा

कानपुर देहात, पुखरायां(जितेंद्र शुक्ल)। रेलवे की जरा-सी लापरवाही ने रविवार को 145 लोगों को उगता सूरज नहीं देखने दिया। झांसी मंडल में कानपुर देहात जिले के पुखरायां स्टेशन पर इंदौर से पटना (राजेंद्रनगर) जा रही एक्सप्रेस ट्रेन भीषण हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे में 145 लोगों की मौत हो गई। करीब 300 लोग जख्मी हो गए। घायलों में कई की हालत बेहद गंभीर है। कानपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक जकी अहमद ने इसकी पुष्टि की है।

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ट्रेन हादसे में मरने वालों मे 120 की शिनाख्त हुई । 105 का पोस्टमार्टम हुआ। मरने वालों में यूपी के 65,एमपी के 28,बिहार के 24,महाराष्ट्र के 2 व झारखंडका 1मृतक। इनमें 46 महिलायें,95 पुरुष व 2 बच्चे तथा 2 बच्चियां शामिल।

हादसा कल तड़के तीन बजकर तीन मिनट पर हुआ। तब अधिकतर यात्री गहरी नींद में थे। उस समय ट्रेन की गति 110 किमी प्रति घंटा थी। झांसी से चलते ही ट्रेन में तेज आवाज आने लगी थी। इसकी सूचना मिलने पर भी रेलवे महकमा नहीं जागा। गाड़ी को उसी हालत में कानपुर सेंट्रल स्टेशन लाने का फरमान सुनाकर 129 की सांस छीन ली। केवल यात्री ही नहीं बल्कि गाड़ी के चालक जलत शर्मा की रिपोर्ट भी इसी बात पर मुहर लगाती है। हादसे के बाद से इस लाइन पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया। केंद्र सरकार ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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घटनास्थल कानपुर से लगभग 60 किमी और पुखरायां स्टेशन से करीब 200 मीटर दूरी पर है। हादसे की भीषण आवाज सुनकर स्थानीय लोग दौड़ पड़े। प्रशासन ने भी तत्काल राहत व बचाव कार्य शुरू किया। सवा आठ बजे एनडीआरएएफ की टीम पहुंचने पर इस काम में और तेजी आई। दिन में करीब 9.20 बजे कानपुर से पहुंची सेना की टीम ने भी मुस्तैदी से कमान संभाल ली। उसी के साथ एयरफोर्स की मेडिकल टीम भी पहुंच गई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत कई संगठनों ने भी मदद का हाथ बढ़ाया। बोगियां एक-दूसरे के ऊपर चढ़ी होने के कारण उन्हें काटने में दिक्कत आ रही थी। घायलों को सबसे पहले पुखरायां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला अस्पताल भेजा गया।

हादसे की भीषण आवाज सुनकर स्थानीय लोग दौड़ पड़े। प्रशासन ने भी तत्काल राहत व बचाव कार्य शुरू किया। सवा आठ बजे एनडीआरएएफ की टीम पहुंचने पर इस काम में और तेजी आई। करीब 9.20 बजे कानपुर से पहुंची सेना की टीम ने भी मुस्तैदी से कमान संभाल ली। उसी के साथ एयरफोर्स की मेडिकल टीम भी पहुंच गई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत कई संगठनों ने भी मदद का हाथ बढ़ाया। बोगियां एक दूसरे के ऊपर चढ़ी होने के कारण उन्हें काटने में दिक्कत आ रही थी। घायलों को सबसे पहले पुखरायां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला अस्पताल भेजा गया।

देखें तस्वीरें : झांसी में पटरी से उतरे मालगाड़ी के तीन वैगन

यात्रियों ने बताया कि ट्रेन की एक बोगी में काफी तेज किसी चीज के टकराने की पहले से आवाज आ रही थी। इसकी वजह से ट्रेन को रास्ते में दो जगह रोका भी गया था, लेकिन जांच में कुछ नहीं पाया गया। आखिरी बार ट्रेन को उरई स्टेशन पर करीब आधा घंटा रोका गया। इसके बाद जब ट्रेन रवाना हुई तो पुखरायां स्टेशन पार करते ही ट्रेन हादसे का शिकार हो गई। हादसे के बाद दोपहर मौके पर पहुंचे रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने हादसे का कारण रेल फ्रैक्चर बताया है। वह भी रास्ते में दो-तीन बार ट्रेन रोके जाने के सवाल पर वह कुछ नहीं बोले। एक बोगी के पटरी से उतरते ही उसके पीछे की 14 बोगियां एक-एक कर उतर गईं। कई बोगियां एक दूसरे पर चढ़ गईं। बोगी नंबर बी-3, एस-2, एस-3 बुरी तरह एक दूसरे पर चढ़ गईं। एस टू बोगी तो लगभग खत्म जैसी दिख रही थी। हादसे की आवाज सुनकर पुलिस व आसपास के गांव के लोग तत्काल पहुंचे और राहत व बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन अंधेरा होने के कारण उन्हें परेशानी हो रही थी। जैसे-जैसे उजाला हुआ और राहत टीमें पहुंचीं, तब काम में तेजी आई।

प्रशासन ने रास्ता बनाकर एंबुलेंस से घायलों व मृतकों को अस्पताल भेजना शुरू किया। इस काम में स्थानीय लोगों ने काफी मदद की। राहत कार्य में लगे जवानों ने बोगियों को काट कर शवों और घायलों को निकाला। घायलों को कानपुर देहात के जिला अस्पताल के अलावा पुखरायां सीएचसी, कानपुर के हैलट, लोको अस्पताल, उरई व झांसी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

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इंदौर-पटना एक्सप्रेस (गाड़ी सं. 19321) की एसएलआर, दो जनरल बोगियां, ए-1, बी-1/2/3 , बीई और एस 1/2/3/4/5/6 बोगियां पटरी से उतरी हैं। इंजन और एस 7/8/9/10/11/12 व दो जनरल व एसएलआरकोच सुरक्षित है। घटनास्थल पर इलाहाबाद, कानपुर, एवं झांसी से राहत ट्रेनें पहुंची हैं। मौके पर डीजी हेल्थ सुनील श्रीवास्तव, सीएमडी रेलवे डॉ. राजीव कपूर, जीएम रेलवे अरुण सक्सेना, कानपुर कमिश्नर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन, कानपुर सेंट्रल स्टेशन के डिप्टी सीटीएम डॉ. जितेंद्र कुमार आदि पहुंचे।हेल्पलाइन नंबर : पुखरायां -05113-270239, झांसी -0510-1072, उरई- 05162-1072, कानपुर 0512-1072, इलाहाबाद -0532-1072, टूंडला -05612-1072, अलीगढ़ -05711072, इटावा-056881072, फतेहपुर -051801072, इंदौर- 07311072

ट्रेन हादसे में घायलों की सूची और हेल्पलाइन नंबर की देखें तस्वीरें

इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे की दर्दनाक तस्वीरें

मृतक आश्रितों को उप्र सरकार देगी पांच-पांच लाख

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रेल हादसे में यात्रियों की मौत पर गहरा दुख जताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की। उन्होंने रेल दुर्घटना में मारे गये लोगों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये, गंभीर घायलों को 50-50 हजार और घायलों को 25-25 हजार रुपये आर्थिक सहायता की घोषणा की है।

मुआवजे का एलान

रेल मंत्रालय ने इस हादसे में मारे गए यात्रियों के परिजनों को साढ़े तीन लाख का मुआवजा देने का एलान किया है। गंभीर रूप से घायलों के लिए यह राशि पचास हजार रुपये रखी गई है। वहीं मामूली रूप से घायल हुए यात्रियों को 25 हजार रुपये दिए जाएंगे। वहीं रेल राज्य मंत्री भी मौके पर पहुंच रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का एलान किया है। वहीं गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 50 हजार और मामूली रूप से गंभीर यात्रियों को 25 हजार रुपये दिए जाएंगे।

राहत में जुटे जवान

सेना को भी राहतकार्य में लगाया गया है। वाराणसी, कानपुर और लखनऊ से एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच चुकी हैं। करीब चालीस एंबुलेंस भी मौके पर हैं। उत्तर प्रदेश के डीजीपी जावेद अहमद के मुताबिक यात्रियों के लिए कुछ विशेष बसों को भी चलाया जा रहा है। डाक्टरों की विशेष टीम भी मौके पर पहुंच चुकी है।

कई ट्रेन रद, कई का रूट बदला

हादसे की वजह यह रेल मार्ग बाधित हो गया है। इसकी वजह झांसी-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस, झांसी कानपुर पैसेंजर ट्रेन को रद कर दिया गया है। इसके अलावा ट्रेन संख्या 12107, 11124, 19167, 11015, 11016, 12104, 12511 का रूट बदल दिया गया है।

चश्मदीदों ने की थी शिकयत

चश्मदीदों के मुताबिक उन्होंने ट्रेन में कुछ अजीब सी आवाज सुनने के बाद इसकी जानकारी टीटी को दी थी, लेकिन उनकी शिकायत को नजरअंदाज किया गया। सीएम अखिलेश यादव ने स्वस्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को दिशा निर्देश देतेे हुए हादसे में घायल सभी यात्रियों के इलाज को सुनिश्चित करने को कहा है।

सीएम अखिलेश यादव ने डीजीपी को दिए निर्देश

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी डीजीपी को खुद राहत बचाव की निगरानी के निर्देश दिए हैं।दुर्घटना के वक्त अंधेरा होने के चलते बचाव कार्य फौरन बाद ठीक से शुरू नहीं हो पाई।फिलहाल बचाव और राहत का कार्य चल रहा है। लेकिन, हादसे की वजह का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है।

इंडियन रेलवे के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने कहा कि इंदौर-पटना एक्सप्रेस कानपुर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। राहत और बचाव कार्य जोरों पर चल रहा है। दुर्घटनास्थल पर रेलवे के सीनियर अधिकारी और मेडिकल टीम पहुंच चुकी है और घटना को लेकर लगातार वहां के जिला अधिकारी से संपर्क किया जा रहा है।

इस हादसे में ट्रेन की कई पटरियां भी उखड़ गई है। इंदौर-राजेन्द्र नगर एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद कानपुर-झांसी पैसेंजर ट्रेन समेत इस रूट पर चल रही कई गाड़ियों को रद्द कर दिया गया है जबकि कुछ ट्रेनों का रुट बदल दिया गया है।


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