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हैलट अस्पताल में अब भी गोद में उठाने पड़ रहे मरीज

सीए की कार्रवाई के बाद भी कानपुर के हैलट अस्पताल में सुधार नहीं है। मरीजों को स्ट्रेचर और व्हीलचेयर नहीं मिलते तो परिवार वाले गोद में ढोते नजर आते हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 02 Sep 2016 11:54 PM (IST)Updated: Sat, 03 Sep 2016 12:02 AM (IST)

कानपुर (जेएनएन)। कानपुर मेडिकल कालेज से संबद्ध लाला लाजपत राय चिकित्सालय (हैलट) की इमरजेंसी से स्ट्रेचर नहीं मिलने पर बाल रोग चिकित्सालय तक बच्चे अंश को कंधे पर लादकर ले जाने और इलाज में लापरवाही से उसकी मौत हो जाने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा की गई कार्रवायी के बाद हैलट अस्पताल की व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। दो दिन पहले निरीक्षण कर गए जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कर्मचारियों को संवेदनहीनता न बरतने के आदेश दिये थे। बावजूद इसके मरीजों को स्ट्रेचर एवं व्हीलचेयर नहीं मिले। परिवारीजन उन्हें गोद में ढोते नजर आए।

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कानपुर हैलट के वार्ड ब्वाय और सुरक्षा गार्ड बर्खास्त

हैलट में बदइंतजामी की वजह से समय से इलाज न मिलने से मरियमपुर चौराहा के पास रहने वाले सुनील के पुत्र अंश (12) की मौत की धमक लखनऊ से लेकर दिल्ली तक सुनाई दी थी। इस मामले में मुख्यमंत्री व जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई भी की। उसके बाद भी शुक्रवार को इलाज के लिए आई संतोषी को स्ट्रेचर नहीं मिलने पर परिवारजन गोद में लेकर इमरजेंसी पहुंचे। इसी तरह बुखार पीडि़त आकांक्षा चल नहीं पा रही थी, ऐसे में परिवारीजन किसी तरह उसे गोद में लेकर इमरजेंसी तक आए।

इलाज में लापरवाही पर हैलट अस्पताल के सीएमएस निलंबित

इस संबध में हैलट के प्रमुख अधीक्षक का कहना है कि यह गंभीर लापरवाही है। इस मामले में पीआरओ एवं वार्ड ब्वॉय से स्पष्टीकरण तलब करेंगे। बताते चलें कि कि अंश कि मौत पिछले हफ्ते शुक्रवार को हैलट अस्पताल में इलाज न मिल पाने की वजह से हो गई थी।


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