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'मदरसे पहले खुद सुधरें फिर उठाएं सरकार पर अंगुली'

मौलाना ने सरकार की भी चुटकी लेते हुए कहा कि लोग विकास को तलाश रहे हैं लेकिन, मिल नहीं रहा है।

By Amal ChowdhuryEdited By: Published: Mon, 16 Oct 2017 10:39 AM (IST)Updated: Mon, 16 Oct 2017 10:39 AM (IST)
'मदरसे पहले खुद सुधरें फिर उठाएं सरकार पर अंगुली'
'मदरसे पहले खुद सुधरें फिर उठाएं सरकार पर अंगुली'

कानपुर (जागरण संवाददाता)। केंद्र और प्रदेश सरकार को कोस रहे मदरसा संचालकों पर निशाना साधते हुए जमीअत उलमा हिंदू के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व सांसद मौलाना महमूद असअद मदनी ने कहा है कि सरकार पर अंगुली उठाने से पहले खुद सुधरें। मदरसों को कानून के दायरे में रहते हुए उनका सिस्टम दुरुस्त किया जाना चाहिए।

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रविवार को जमीअत उलमा ने रागेंद्र स्वरूप सभागार में तहफ्फुज-ए-मदारिस कन्वेंशन आयोजित किया। इस कन्वेंशन में प्रदेश भर के 450 मदरसा संचालकों ने शिरकत की। बतौर मुख्य अतिथि मौलाना मदनी ने कहा कि उलमा मदरसे तक ही सीमित नहीं रहें बल्कि आपसी मेल मिलाप बढ़ाएं। गैर मुस्लिमों को मदरसों में लाकर उन्हें दिखाएं कि क्या और कैसी शिक्षा दी जा रही है।

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मौलाना ने सरकार की भी चुटकी लेते हुए कहा कि लोग विकास को तलाश रहे हैं लेकिन, मिल नहीं रहा है। विकास मिल जाए तो सबका साथ भी मिल जाए। देवबंद के मौलाना अब्दुल अजीज ने कहा कि कानून के दायरे में रहेंगे तो कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। अध्यक्षता शहरकाजी मौलाना मंजूर अहमद मजाहिरी ने की।

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