हादसों के करीब से गुजरती ट्रेनेंः लखनऊ से दिल्ली कदम-कदम पर मुश्किलों से जूझे यात्री
कन्नौज में रेलवे ट्रैक पर ट्रैक्टर फंसा, स्वर्ण जयंती और राजधानी से पशु टकराए, महाबोधि के पेंटो से ओएचई टूटी और डबल डेकर में व्हीलबर्न जैसे हादसों के चलते घंटों रेल संचालन ठप रहा।
लखनऊ (जेएनएन)। रेल यात्रियों के लिए रविवार का दिन परेशानियों से भरा रहा। कानपुर-दिल्ली के बीच रेलवे ट्रैक कई बार बाधित हुआ। लखनऊ-दिल्ली के बीच चलने वाली डबल डेकर एक्सप्रेस आज मुरादाबाद में एक बड़े हादसे से बच गई। कन्नौज में रेलवे ट्रैक पर ट्रैक्टर फंसने से एक घंटे के लिए ट्रनों के पहिए थम गए। मालगाड़ी समेत एक्सप्रेस ट्रेन दूसरे स्टेशनों पर खड़ी रहीं। इसके चलते लखनऊ से दिल्ली रूप पर रेल संचालन ठप रहा। बरेली से दिल्ली, जम्मूतवी, पंजाब और देहरादून जाने वाली ट्रेनों को करीब दो घंटे बीच में खड़ा करना पड़ा। बाद में ट्रेनों को 20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से निकाला गया।
महाबोधि के पेंटो से टूटी ओएचई
कानपुर-दिल्ली के बीच रेलवे ट्रैक कई बार बाधित हुआ। इससे डेढ़ दर्जन ट्रेनें विलंबित हुईं। शाम साढ़े छह बजे बरहन स्टेशन के पास नई दिल्ली-गया महाबोधि एक्सप्रेस के इंजन का पेंटो ओवर हेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) तारों में उलझकर टूट गया। इससे ओएचई तार भी टूट गए। कई ट्रेनों को पिछले स्टेशनों पर रोक दिया गया। टूंडला से पहुंचे कर्मचारियों ने ढाई घंटे की मशक्कत के बाद रात नौ बजे ओएचई दुरुस्त की, तब रेल यातायात सुचारु हुआ। इस हादसे से करीब एक दर्जन ट्रेनें प्रभावित हुईं।
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स्वर्ण जयंती, राजधानी से टकराए पशु
इससे पहले सुबह-सुबह सात बजे अंबियापुर-झींझक के बीच भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस घटना के कारण राजधानी दस मिनट तक खड़ी रही। इसी तरह कानपुर रेलखंड के इटावा और सराय भूपत रेलवे स्टेशन के बीच सुबह 6.50 बजे सियालदह-नई दिल्ली राजधानी से सांड़ टकरा गया। यहां भी ट्रेन दस मिनट तक खड़ी रही। नई दिल्ली से बिहार जा रही स्वर्णजयंती एक्सप्रेस से दिल्ली रेलखंड के बैर रेलवे स्टेशन के पास सुबह नौ बजे आवारा जानवर टकरा जाने से ट्रेन का इंजन फेल हो गया। गया। इस कारण ट्रेन डाउन लाइन पर करीब डेढ़ घंटे खड़ी रही। इससे पूर्वा, लिच्छवी, गरीबरथ समेत आधा दर्जन ट्रेनें प्रभावित रहीं। हाथरस रेलवे स्टेशन के समीप सुबह करीब सवा आठ बजे टीएडी पैसेंजर की चपेट में आकर एक व्यक्ति की मौत हो गई। इससे पैसेंजर ट्रेन लगभग आधा घंटे खड़ी रही।
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पलटने से बची डबल डेकर एक्सप्रेस
लखनऊ वाया बरेली-दिल्ली के बीच चलने वाली 12583 डबल डेकर एक्सप्रेस के पहिये कटघर-मुरादाबाद के बीच पटरी धंसने से थमने लगे। लोको पायलट (ट्रेन ड्राइवर) ने सतर्कता से ट्रेन को रोक लिया। उत्तर रेलवे ने बारिश के चलते पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है मगर, इंजीनियरिंग टीम ने गंभीरता से नहीं लिया। रविवार सुबह लगभग दस बजे बरेली-मुरादाबाद रेलखंड के किमी संख्या 1395/04 और 1395/08 से डबल डेकर ट्रेन गुजर रही थी। वहां की रेल पटरी बारिश के चलते धंस गई। जैसे ही डबल डेकर कटघर से गुजरी, तभी पहिये ट्रैक पर थम गए। ट्रेन का संतुलन बिगड़ते ही लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक मार ट्रेन काबू की। काफी धीमी गति से ट्रेन गुजारने के बाद मुरादाबाद कंट्रोल रूम को खबर दी। कंट्रोल रूम ने अप लाइन की ट्रेनों को भिटौरा, परसाखेड़ा, सीबीगंज, जंक्शन और चनेहटी आदि पर खड़ा कराया। इंजीनियरिंग टीम ने ट्रैक दुरुस्त किया। इसमें रेल पहिया न घूमने की बात सामने आई। इसे तकनीकी भाषा में व्हील बर्न बोला जाता है।
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रेल ट्रैक पर आया ट्रैक्टर
रविवार दोपहर 1.10 बजे कन्नौज के खुदलापुर रेलवे स्टेशन की पश्चिमी बाईपास क्रासिंग 110-सी पर ओवरलोड ट्रैक्टर फंस गया। ट्रैक्टर छोड़ चालक भाग निकला। गेटमैन बबलू कुमार की नजर पड़ी तो जसोदा स्टेशन अधीक्षक राम सजीवन को फौरन सूचना दी। इसके बाद प्रभावित ट्रैक पर थोड़ी देर में गुजरने वाली मालगाड़ी को गुरसहायगंज में रोका गया। क्रेन मंगाकर ट्रैक्टर-ट्राली हटाने के प्रयास शुरू हुए। इसमें करीब एक घंटा का समय लग गया। ट्रैक खाली होने के बाद करीब 2.34 बजे टाटा-छपरा एक्सप्रेस को गुजारा गया। इससे ट्रेन थोड़ी लेट हो गई। इसके बाद मालगाड़ी गुजरी।