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किसानों की जेब से निकले उत्तर प्रदेश सरकार के लैपटाप

मुफ्त में लैपटाप योजना के लिए यूपी में किसानों की जेब काटी गई। दो साल में यूरिया पर अतिरिक्त कर लगाकर उनसे 9,500 करोड़ रुपये ऐंठ लिए गए।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 24 Sep 2016 06:26 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2016 06:27 PM (IST)
किसानों की जेब से निकले उत्तर प्रदेश सरकार के लैपटाप

अमरोहा (अनिल अवस्थी)। मुफ्त में लैपटाप, सिंचाई और दवाई जैसी लोकलुभावन योजनाओं के लिए किसानों की जेब काटी गई। सिर्फ दो साल में ही यूरिया पर अतिरिक्त कर लगाकर उनसे 9,500 करोड़ रुपये ऐंठ लिए गए। देश में इस तरह का कर लगाने वाले प्रदेशों में महज उत्तर प्रदेश व गुजरात शामिल हैं। इनमें भी उत्तर प्रदेश ने गुजरात की अपेक्षा तीन गुना से अधिक कर वसूल किया है।

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देश की अर्थव्यवस्था में अहम किरदार निभाने वाले अन्नदाता की हालत दिनोंदिन पतली होती जा रही है। वह लगातार कर्ज में डूब रहा है। कर्ज के जाल में फंसकर अब तक सैकड़ों किसान अपनी जान तक गंवा चुके हैं। इसके बावजूद सरकारों का दिल नहीं पसीज रहा। मुफ्त सिंचाई व बिजली की दरों में छूट की घोषणा कर एक ओर सरकार किसानों को लुभाने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर दो साल पहले यूरिया खाद पर अतिरिक्त कर लगाकर किसानों की जेब से 9,500 करोड़ रुपये अतिरिक्त वसूल लिए।

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यूपी-गुजरात सरकारों ने किसानों को लूटा

नाजरपुर नाईपुरा अमरोहा के जागरूक किसान चौधरी शिवराज सिंह की आरटीआई में पूछे गए सवालों के जवाब में हुआ है। निदेशक उर्वरक विजय रंजन सिंह ने आरटीआइ के जवाब में बताया है कि 14 जुलाई 2014 को राज सहायता व्यवस्था के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद खुदरा मूल्य के अतिरिक्त गुजरात व उत्तर प्रदेश में उर्वरक उत्पादन कंपनियों को अतिरिक्त प्रभार वसूल करने का अधिकार दिया गया है। इसके बाद से गैर प्रतिपूर्ति आदान कराधान प्रभारों के रूप में किसानों से गुजरात में 50 किलो के यूरिया बैग पर 15 रुपये व उत्तर प्रदेश में इसी बैग पर 47 रुपये अतिरिक्त वसूले जा रहे हैं।

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किसानों से 9500 करोड़ अधिक वसूली

आरटीआइ से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2014-15 व 2015-16 में उत्तर प्रदेश में 103 लाख मीट्रिक टन यूरिया की खपत हुई है। गैर प्रतिपूर्ति आदान कराधान प्रभार के रूप में उत्तर प्रदेश में 940 रुपये प्रति मीट्रिक टन अतिरिक्त वसूल किया गया है। इस हिसाब से किसानों पर 9500 करोड़ रुपये से अधिक वसूल किया गया है।

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यूरिया के दाम गिरने चाहिए

जागरूक किसान चौ. शिवराज सिंह ने बताया कि जब अन्तरराष्ट्रीय बाजार में अमोनिया के दाम दो सौ डालर प्रति मीट्रिक टन कम हुए हैं तो यूरिया के दाम भी गिरने चाहिए थे, मगर ऐसा नहीं हुआ। उत्पादन लागत के हिसाब से यूरिया का 50 किलोग्राम का बैग 218 रुपये का होना चाहिए। वहीं दूसरी ओर यूपी में तो यूरिया पर अतिरिक्त कर लगाकर किसानों की जेब और भी काटी जा रही है। इस संबंध में राज्यपाल को पत्र भेज रहे हैं। किसानों को शोषण से बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।

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